पटना : देश में लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में लोकसभा स्पीकर पद को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है। बता दें कि केंद्रीय मंत्रालय के गठन के बाद अब लोकसभा स्पीकर का चुनाव होने वाला है. वहीं, इस मुद्दे को लेकर आज रविवार को जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी […]
पटना : देश में लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में लोकसभा स्पीकर पद को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है। बता दें कि केंद्रीय मंत्रालय के गठन के बाद अब लोकसभा स्पीकर का चुनाव होने वाला है. वहीं, इस मुद्दे को लेकर आज रविवार को जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने बड़ा बयान दिया है. जेडीयू नेता ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का पद सदन का सबसे गरिमामय पद होता है. उस सीट पर सत्ताधारी पार्टी का पहला अधिकार होता है. ‘इंडिया’ गठबंधन की मांगें और बयान आपत्तिजनक हैं. उस पद पर पहला अधिकार BJP या NDA का है. हमारा मानना है कि भाजपा एनडीए की बड़ी पार्टी है.
इस मामले को लेकर मीडिया ने जब उनसे कहा विपक्ष ने भाजपा पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया है. इसका जबाब देते हुए उन्होंने कहा कि ”मैं पिछले 35 सालों से NDA में हूं. BJP ने कभी किसी पार्टी को तोड़ने की कोशिश नहीं की. सरकार में TDP और JDU ने अहम भूमिका निभाई है. हम NDA को कभी कमजोर करने की कोशिश नहीं करेंगे.
बता दें कि राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक बयान दिया है, जिसके बाद से सियासत गरमा गई है. इसको लेकर लगातार खूब बयानबाजी की जा रही है. अशोक गहलोत ने लोकसभा स्पीकर पद को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि लोकसभा स्पीकर का पद JDU या TDP के पास होना चाहिए. इसके साथ उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा एवं राजस्थान में भाजपा ने षड़यंत्र कर सरकार गिराई थी. इसे JDU और TDP को नहीं भूलना चाहिए. अब अगर BJP लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास रखती है तो TDP और JDU को अपने सांसदों की हॉर्स ट्रेडिंग होते देखने के लिए तैयार रहना चाहिए.
जानकारी के लिए बता दें तो केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार की एंट्री हो चुकी है। ऐसे में इस बार संसद का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने वाला है. आठ दिनों तक यह सत्र चलेगा. सत्र के तीसरे दिन 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होने जा रहा है. लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय से नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है. अब इसको लेकर सियासी पारा चरम पर है. देश में लोकसभा स्पीकर पद को लेकर घमासान मचा हुआ है.