पटना। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार कब कौन सा फैसला ले लें ये कहना मुश्किल है। उन्होंने कई बार अपने फैसलों से सियासी पंडितों को भी मात दिया है। इसी बीच मंगलवार यानी 19 दिसंबर को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए INDIA अलायंस की चौथी बैठक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित की गई। इस […]
पटना। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार कब कौन सा फैसला ले लें ये कहना मुश्किल है। उन्होंने कई बार अपने फैसलों से सियासी पंडितों को भी मात दिया है। इसी बीच मंगलवार यानी 19 दिसंबर को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए INDIA अलायंस की चौथी बैठक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित की गई। इस बैठक में 28 दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए। इसमें प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने भी शिरकत की। वहीं इस बैठक के बाद से दो बातों के संकेत निकलकर सामने आये हैं। जिसके बाद से इस बात की चर्चा होने लगी है कि नीतीश कुमार की पार्टी फिर से कोई चौंकाने वाले फैसले न ले ले।
दरअसल यह सवाल इसलिए उठने लगा है क्योंकि चौथी बैठक में कुछ साफ़ नहीं हुआ है। नीतीश कुमार सीट बंटवारें को लेकर गंभीर हैं और चाहते हैं कि जल्द से जल्दी सीटों का बंटवारा हो जाये। हालांकि इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में भी इसका फैसला नहीं हो पाया लेकिन इसके उल्टे बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री चहरे के लिए आगे कर दिया। उनके नाम पर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने भी सहमति जताई है। सीएम नीतीश भले ही अपनी इच्छा जाहिर नहीं करते हैं लेकिन उनकी पार्टी यहीं मानती है कि उनसे बेहतर विकल्प कोई नहीं हो सकता।
इसी बीच जदयू ने 29 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। साथ ही इसी दिन राष्ट्रीय परिषद की भी बैठक बुला ली गई है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या जदयू में किसी बात को लेकर खिचड़ी पक रही है। बता दें कि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 99 सदस्य हैं जबकि राष्ट्रीय परिषद में 200 सदस्य हैं। 29 को सुबह में पार्टी पदाधिकारी की बैठक होगी और इसके ठीक बाद दोपहर में राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी। सबकी नजरें इस बैठक पर टिकी हुई है कि इसमें क्या निर्णय लिए जाते हैं।