पटना : राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के खिलाफ शुक्रवार को अरेस्ट वारंट जारी किया गया है. बता दें कि यह वारंट मध्य प्रदेश के ग्वालियर में MP MLA कोर्ट ने जारी किया है। अरेस्ट वारंट आर्म्स एक्ट के केस में जारी किया गया है. साल 1995 और 1997 में फर्जी फॉर्म नंबर 16 को तैयार कर हथियारों की सप्लाई के केस में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर फर्जीवाड़ा का इल्जाम लगा था. इस मामले में अब लालू यादव के खिलाफ स्थायी अरेस्ट वारंट जारी किया गया है, जिससे उनकी दिक्क़ते और बढ़ गई हैं. ऐसे में अब उनकी तरफ से प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने इस मामले पर कहा है कि वह मूली नहीं हैं जो कोई उनको उखाड़ देगा।
लालू यादव ने दी ये प्रतिक्रिया
बता दें कि लालू यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पर इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया साझा की है. ऐसे में उन्होंने अपने पुराने इंटरव्यू का एक वीडियो शेयर किया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मूली थोड़े हैं कि उखाड़ के फेंक दोगे. आगे लिखा कि लालू प्रासाद यादव नाम है. इस बुढ़ापे में भी तुम्हारा काल बनकर चट्टान की भांति खड़ा हूं, अपने उसूलों पर अड़ा हूं.”
जानें पूरा मामला
लालू यादव के खिलाफ यह मामला मध्यप्रदेश के गवालियर स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में तब भेजा गया, जब कोर्ट को यह भरोसा हो गया कि डाक्यूमेंट्स में दर्ज मामले में नाम लालू यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. तब जाकर ये मामला एमपी-एमएलए कोर्ट, ग्वालियर में ट्रांसफर किया गया. इस संबंध में ग्वालियर MP-MLA न्यायालय के ADPO अभिषेक मेहरोत्रा ने कहा कि विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट MP-MLA ग्वालियर महेंद्र सिंह की अदालत से आरोपी लालू प्रसाद यादव को अरेस्ट वारंट जारी किया गया है.
साल 1995 और 1997 के दौरान हुई यह घटना
यह पूरा मामला साल 1995 और 1997 का है. फार्म 16 के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके आर्म्स डीलर के यहां से हथियार लिए जाते थे. इन हथियारों की सप्लाई देश के अलग-अलग जगहों पर होती थी. इस मामले में 23 लोगों के खिलाफ अभियोग पत्र कोर्ट के सामने पेश किए जा चुके थे. इस दौरान आरोपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को फरार बताया गया था. हालांकि सभी प्रकार की पड़ताल होने के बाद कोर्ट ने यह पुष्टि कि ये वहीं लालू प्रसाद यादव हैं जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं।
नोट : फॉर्म नंबर 16 (जो आर्म्स डीलर के लिए जारी होते हैं)