Tejashwi Yadav Marriage Anniversary: लालू परिवार ने किए बालाजी के दर्शन, मना रहे तेजस्वी की शादी की सालगिरह

पटना। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आज यानी 9 दिसंबर को अपनी शादी की सालगिरह मना रहे हैं। इस अवसर पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपने पूरे परिवार समेत तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए पहुंचे। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राजश्री यादव की शादी की सालगिरह के मौके पर लालू परिवार ने […]

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Tejashwi Yadav Marriage Anniversary: लालू परिवार ने किए बालाजी के दर्शन, मना रहे तेजस्वी की शादी की सालगिरह

Nidhi Kushwaha

  • December 9, 2023 6:05 am IST, Updated 12 months ago

पटना। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आज यानी 9 दिसंबर को अपनी शादी की सालगिरह मना रहे हैं। इस अवसर पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपने पूरे परिवार समेत तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए पहुंचे। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राजश्री यादव की शादी की सालगिरह के मौके पर लालू परिवार ने तिरुपति बालाजी के दर्शन किए। इस दौरान पिता लालू प्रसाद यादव, माता राबड़ी देवी, भाई तेज प्रताप यादव भी मौजूद रहे। दर्शन की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं।

तेजस्वी यादव ने साझा की तस्वीरें

इस दौरान सबसे दिलचस्प बात यह दिखाई दी कि तेजस्वी यादव की पुत्री कात्यायनी के साथ-साथ तेजस्वी यादव और भाई तेज प्रताप यादव ने भी अपना अपना मुंडन करवाया। वायरल तस्वीरों में तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव पिता लालू प्रसाद यादव और घर की बहु राजश्री यादव बेटी कात्यायनी, माता राबड़ी देवी नजर आ रही हैं। तेजस्वी यादव ने ये तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स हैंडल पर साझा की हैं।

प्रदेशवासियों के लिए कामना

इसके साथ ही उन्होंने एक भावुक पोस्ट भी किया है। इस पोस्ट में उन्होंने देश के विकास की कामना की। तेजस्वी ने अपने पोस्ट में लिखा कि आज सवेरे आंध्र प्रदेश के तिरुमाला पर्वत स्थित उत्कृष्ट शिल्प कौशल के अद्भुत उदाहरण एवं भक्ति, विश्वास और श्रद्धा के प्रतीक भगवान श्री तिरुपति बालाजी मंदिर में सपरिवार पूजा-अर्चना व दिव्य दर्शन कर सकारात्मक ऊर्जा एवं आशीर्वाद प्राप्त किया। गर्भगृह में विराजमान भगवान वेंकटेश्वर से समस्त प्रदेशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि और कल्याण के लिए मंगल प्रार्थना की। आज शादी की सालगिरह के खास दिवस पर बेटी कात्यायनी का मुंडन संस्कार संपन्न हुआ। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि सकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करने वाले पौराणिक ऐतिहासिक व आध्यात्मिक स्थलों की यात्रा ज्ञानार्जन, शुभता, दिव्य हस्तक्षेप, आध्यात्मिक सांत्वना, आत्म-साक्षात्कार, ध्यान और परमात्मा से जुड़ने का जरिया, व्यक्तिगत व सामुदायिक विकास तथा मानव जीवन के मूल उद्देश्य की गहराई को समझने की चाह रखने वालों के लिए एक मार्गदर्शन के रूप में भी कार्य करती है।

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