पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर की किडनी कांड की पीड़िता सुनीता की मौत हो गई है। वो जिंदगी के लिए जंग लड़ते-लड़ते हार गई। पिछले 2 साल पूर्व अवैध नर्सिंग होम में धोखे से उसकी दोनों किडनी निकाल ली गई थीं। जब इस बात की जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग को मिली तो वहां बवाल मच गया।
जेडी नड्डा से गुहार लगाई
सुनीता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा तक किडनी ट्रांसप्लांट की गुहार लगाई, लेकिन दो साल बीतने के बाद वो जिंदगी के लिए पल पल लड़ती रही। इस बीच उसका इलाज कई अस्पतालों में कराया गया, लेकिन उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। सीएम नीतीश कुमार एसकेएमसीएच पहुंचे हुए थे, तो उन्होंने किडनी कांड की पीड़िता सुनीता से भी मुलाकात की। सीएम नीतीश कुमार उसकी आर्थिक मदद की थी।
जेपी नड्डा ने की थी मुलाकात
स्वयं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी जब एसकेएमसीएच परिसर में बने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे तो वो भी किडनी पीड़िता सुनीता से मुलाकात करने गए थे। सुनीता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने किडनी की डिमांड की थी, लेकिन इस बात को कहे न जाने कितने महीने बीत गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसी बीच सुनीता ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
क्या है पूरा मामला?
सुनीता की मौत सिस्टम के सामने कई सवाल भी छोड़ गई। 3 सितंबर 2022 को सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया था, जिस अस्पताल में ऑपरेशन हुआ, उसका डॉक्टर पवन कुमार था, जो पुलिस जांच में फर्जी पाया गया। ऑपरेशन के बाद 5 सितंबर 2022 को सुनीता की तबीयत खराब होने के बाद उसे श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। 7 सितंबर 2022 को जांच में पता चला कि उसकी दोनों किडनियां निकाल ली गई हैं। जिस वजह से उसकी डायलिसिस करनी पड़ी, जो अब तक चल रही थी।