पटना। बिहार में बहुचर्चित रहे ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय ने सीबीआई के खिलाफ कोर्ट में जाने का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हुलास पांडेय का कहना है कि सीबीआई ने उन्हें […]
पटना। बिहार में बहुचर्चित रहे ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय ने सीबीआई के खिलाफ कोर्ट में जाने का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हुलास पांडेय का कहना है कि सीबीआई ने उन्हें फंसाने के लिए उनका नाम चार्जशीट में डाला है।
हुलास पांडेय ने कहा कि सीबीआई चार्जशीट के बारे में अभी तक उन्हें कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। हुलास पांडेय का कहना है कि उनका ब्रह्मेश्वर मुखिया से कोई संबंध नहीं था न ही कोई दुश्मनी थी। ये आरोप बिल्कुल निराधार है। ऐसा लग रहा है कि किसी ने जांच एजेंसी को गुमराह किया है। इसके साथ ही उन्होंने सीबीआई अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ अफसर राजनीतिक दुश्मनी के कारण उनकी छवि खराब करने में लगे हैं। हुलास पांडेय ने इसके खिलाफ कोर्ट में अपील करने का ऐलान किया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को आरा कोर्ट में रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। जिसमें चिराग पासवान के करीबी पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जांच अधिकारी सियाराम सिंह ने बताया कि सीबीआई की चार्जशीट पर कोर्ट 3 जनवरी को सुनवाई करेगा।
बता दें कि रणवीर सेना के ब्रह्मेश्वर मुखिया की 1 जून 2012 को आरा मे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के एक साल बाद ये जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। करीब 10 साल बाद सीबीआई ने नई चार्जशीट कोर्ट में दायर की है जिसमें हुलास पांडेय, अभय पांडेय, नंद गोपाल, रीतेश कुमार, अमितेश, प्रिंस, बालेश्वर और मनोज राय को आरोपी बनाया गया है ,