पटना। राजधानी के गांधी मैदान में पीएम मोदी की सभा में बम ब्लास्ट करने वाले सभी 4 आरोपियों की सजा को हाईकोर्ट ने उम्र कैद की सजा में बदल दिया है।इन 4 आरोपियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी।11 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले में अपना अहम फैसला सुनाते हुए इन्हें उम्रकैद की सजा में बदल दिया।
फांसी की सजा को बदला 30 साल कैद में
इस मामले में 4 दोषियों की फांसी की सजा को अब 30 साल कैद में बदल दिया गया है। वहीं आजीवन कारावास की सजा पाए गए 2 लोगों की सजा में कोई परिवर्तन नहीं किया है। सीरियल ब्लास्ट का ये मामला 27 अक्टूबर 2013 का है। जब गांधी मैदान पटना में नरेंद्र मोदी हुंकार रैली में एक जनसभा को संबोधित करने के लिए आए थे। आरोपियों ने निचली अदालत के फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
मामले में आज में सुनाया फैसला
इस मामले में पटना के गांधी मैदान थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद 31 अक्टूबर 2013 को एनआईए ने इस केस को अपने हाथ में ले लिया था। कोर्ट ने बुधवार को दोषी हैदर अली, इम्तियाज आलम, मोजिबुल्ला अंसारी और नुमान अंसारी की फांसी की सजा को बदल दिया है। न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला अपने पास सुरक्षित रख लिया था। जिसे आज सुनाया है।
गृह मंत्री ने की एनआईए जांच की मांग
बता दें कि साल 2013 में जब ये घटना घटी थी। उस समय गांधी मैदान में बीजेपी की हुंकार रैली का आयोजन किया गया था। उसी दौरान पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर स्थित सुलभ शौचालय के पास पहला बम धमाका हुआ। जिसके बाद एक के बाद एक गांधी मैदान के आस-पास के 6 इलाकों में बम धमाके हुए। इन धमाकों में 6 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में 89 लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से एनआईए जांच की मांग की थी।