पटना। बिहार में शिक्षा विभाग की तरफ से व्यवस्था में सुधार लाने के लिए लगातार कुछ न कुछ निर्देश जारी होते रहते हैं। यही नहीं खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इसके लिए अलर्ट कर रहे हैं। वो आए दिन निरीक्षण कार्य भी करते रहते हैं। वहीं इतनी सख्ती के बाद भी […]
पटना। बिहार में शिक्षा विभाग की तरफ से व्यवस्था में सुधार लाने के लिए लगातार कुछ न कुछ निर्देश जारी होते रहते हैं। यही नहीं खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इसके लिए अलर्ट कर रहे हैं। वो आए दिन निरीक्षण कार्य भी करते रहते हैं। वहीं इतनी सख्ती के बाद भी व्यवस्था में कमियां दिखने को मिल रही हैं। इस बार जो मामला सामने आया है वो सुपौल जिले का बताया जा रहा है जहां एक गलती पर 9 हेडमास्टरों की नौकरी पर गाज गिर सकती है।
दरअसल, इस संबंध में सुपौल जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में 21 दिसंबर को एक पत्र जारी हुआ था। जो कि अब सामने आया है। इस पत्र के जरिए प्राथमिक शिक्षा एवं शिक्षा अभियान के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने डीपीओ स्थापना राहुल चंद्र चौधरी को कहा है कि हर स्कूल में कम से कम दो शौचालय का निर्माण किया जाए लेकिन जिले के 9 स्कूलों में इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई। ऐसे में उन्होंने कार्रवाई की अनुसंशा की।
वहीं इस मामले के संबंध में डीपीओ एसएसए प्रवीण कुमार बताया कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर जिले के 9 स्कूलों में शौचालय के निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई। इसीलिए डीपीओ स्थापना को पत्र जारी किया गया। बता दें कि विद्यालय प्रधान के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। वहीं डीपीओ स्थापना राहुल चंद्र चौधरी ने पूछने पर बताया कि उन्हें अभी कोई पत्र नहीं मिला है। यदि कोई पत्र प्राप्त होगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।