राज्यपाल ने प्रशांत किशोर से की आमरण अनशन तोड़ने की अपील, अब कैसी है PK की तबीयत

पटना: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर जल्द ही अपना आमरण अनशन तोड़ सकते हैं। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस संबंध में उनसे पहल की है। राज्यपाल ने कहा है कि प्रशांत किशोर छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजें। वे मिलकर समस्या का समाधान निकालने का हर संभव प्रयास करेंगे। इसकी पुष्टि जनसुराज […]

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राज्यपाल ने प्रशांत किशोर से की आमरण अनशन तोड़ने की अपील, अब कैसी है PK की तबीयत

Shivangi Shandilya

  • January 13, 2025 10:17 am IST, Updated 1 day ago

पटना: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर जल्द ही अपना आमरण अनशन तोड़ सकते हैं। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस संबंध में उनसे पहल की है। राज्यपाल ने कहा है कि प्रशांत किशोर छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजें। वे मिलकर समस्या का समाधान निकालने का हर संभव प्रयास करेंगे। इसकी पुष्टि जनसुराज की तरफ से की गई है।

खुद मिल सकते हैं राज्यपाल से

उधर, इस पहल के मद्देनजर प्रशांत किशोर ने सोमवार को सुबह करीब 10.30 बजे पटना के शेखपुरा स्थित आवास पर बैठक शुरू कर दी है। इस बैठक में तय किया जाएगा कि भविष्य में वह क्या रणनीति बनाएंगे। क्या सिर्फ छात्रों का प्रतिनिधिमंडल जाएगा या फिर प्रशांत किशोर खुद राज्यपाल से मिलकर अपनी पूरी बात रखेंगे, यह सब बैठक में तय हो सकता है।

2 जनवरी से आमरण अनशन शुरू

बता दें कि PK बीपीएससी अभ्यर्थियों के सपोर्ट में 2 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं। तबीयत बिगड़ने से पहले पटना गांधी मैदान से पुलिस ने उन्हें अरेस्ट किया हालांकि कुछ घंटों के भीतर ही उन्हें जमानत मिल गई थी। इस बीच उनकी तबीयत अधिक खराब होने पर उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल के ICU वार्ड में भर्ती कराया गया था। लेकिन अब वह पूरी तरह से ठीक हैं उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

जनसुराज के कैंप को पुलिस ने हटाया

उधर, पटना के मरीन ड्राइव पर जन सुराज की ओर से कैंप लगाया जा रहा था, जिसे पुलिस ने पिछले रविवार 12 जनवरी को हटा दिया। कैंप लगाने पर रोक लगा दी गई। सदर एसडीओ ने बताया कि बिना अनुमति के यहां कैंप लगाया जा रहा था। इस पूरे मामले में जन सुराज पार्टी के वरिष्ठ नेता और रक्सौल के पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना का कहना है कि पार्टी की ओर से एक बड़ा कैंप बनाया जा रहा था. यह सत्याग्रह के लिए नहीं था बल्कि प्रशांत किशोर गंगा किनारे कार्यकर्ताओं से मिलते और उनसे बात करते.

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