पटना। प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में पूर्व कुलपति डॉ राजेंद्र, उनके बेटे डॉ. अशोक कुमार, भाई अवधेश प्रसाद का नाम शामिल है। साथ ही प्यारी देवी स्मारक कल्याण ट्रस्ट के […]
पटना। प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में पूर्व कुलपति डॉ राजेंद्र, उनके बेटे डॉ. अशोक कुमार, भाई अवधेश प्रसाद का नाम शामिल है। साथ ही प्यारी देवी स्मारक कल्याण ट्रस्ट के खिलाफ अभियोजन पक्ष ने मुकदमा दर्ज कराया है।
ED ने बयान जारी कर बताया कि 15 अप्रैल को पटना में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की खास अदालत के समक्ष चार्जशीट दायर की गई। अदालत ने उसी दिन मामले में संज्ञान लिया। प्रवर्तन निदेशायल यह कार्रवाई बिहार पुलिस की खास निगरानी इकाई द्वारा पूर्व कुलपति के खिलाफ दर्ज शिकायत की जांच के आधार पर की है। पूर्व कुलपति पर आरोप है कि सितंबर 2019 से नवंबर 2021 के बीच मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में काम करते हुए उन्होंने 2.66 करोड़ की संपत्ति अर्जित की। जो उनकी आय से कही ज्यादा है।
इस मामले में पुलिस विशेष निगरानी इकाई ने शिकायत दर्ज करने के बाद राजेंद्र प्रसाद के गया और गोरखपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने उनकी 64.53 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी। ED ने इस मामले की जांच में पाया कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इन पैसों का इस्तेमाल अपने बेटे अशोक कुमार के नाम पर संपत्ति खरीदने में किया है। आरपी कॉलेज के नाम पर अर्जित संपत्तियों को प्यारी देवी मेमोरियल वेलफेयर ट्रस्ट के नाम पर हस्तांतरित कर दिया था, जिसका स्वामित्व उनके परिवार के पास है।