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Chhath Puja: उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ महापर्व छठ, 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण

पटना। पूरे देश में इस समय लोकआस्था का महापर्व छठ धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ हुई थी। छठ पर्व आज (20 नवंबर) को सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ संपन्न हुआ।इस दौरान देश के अलग-अलग राज्यों में छठ पूजा के लिए नदियों […]

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The great festival Chhath concluded by offering Arghya to the rising Sun
  • November 20, 2023 10:24 am IST, Updated 1 year ago

पटना। पूरे देश में इस समय लोकआस्था का महापर्व छठ धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ हुई थी। छठ पर्व आज (20 नवंबर) को सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ संपन्न हुआ।इस दौरान देश के अलग-अलग राज्यों में छठ पूजा के लिए नदियों और तालाबों के किनारे बनाए गए घाटो पर व्रती महिलाओं और उनके परिवार के सदस्यों ने उदयगामी सूर्य की पूजा करके चार दिन तक चले इस महापर्व का पारण किया। छठ व्रती सुबह से ही घाटों पर भगवान भास्कर के दर्शन देने का इंतजार कर रहे थे।

जानें क्या हैं मान्यताएं

इस दौरान सूर्य उदय के साथ ही व्रतियों ने घुटने भर पानी में उतरकर उन्हें अर्घ्य समर्पित किया और 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन किया। यही नहीं इस दौरान व्रतियों ने नाक से लेकर माथे तक सिंदूर लगाया और भगवान भास्कर से अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना की। बता दें कि छठ को लेकर यह मान्यता है कि छठी मइया की पूजा करने से नि:संतान महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है और जीवन भी सुखमय होता है। इस बार छठ में देश के कई बड़े राजनेताओं ने भी छठ घाटों पर पूजा-अर्चना किया।

कैदियों ने भी मनाया छठ

इसके साथ ही बताया जा रहा है कि बेउर की जेल में भी छठ का पर्व काफी धूम-धाम से मनाया गया। यहां कैदियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हुए छठ के महापर्व का समापन किया। पुलिसकर्मियों ने कैदी व्रतियों के पांव भी छुए। छठ को लेकर बेऊर जेल प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी करते हुए चार दिवसीय छठ पूजा को संपन्न कराया। बता दें कि छठ का व्रत महिलाएं और पुरुष व्रती अपने परिवार के कल्याण हेतु रखते हैं और उनके लिए छठी मइया से पार्थना भी करते हैं।

जानें छठ के मायनें

बता दें कि छठ का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाया जाता है। यह महापर्व चार दिन तक चलता है। हमेशा कि तरह इस बार भी छठ की शुरुआत नहाय खाय के साथ हुई थी। इसके दूसरे दिन खरना होता है, जिसमें पूजा के लिए प्रसाद तैयार करते हैं। वहीं तीसरे दिन ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता देकर, चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ये व्रत संपन्न हो जाता है। इसके साथ ही यह माना जाता है कि छठ पूजा में भगवान सूर्य की अराधना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से संतान से संबंधित सारी परेशानियां समाप्त होती हैं।


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