पटना: मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशांत किशोर को कुछ दिक्कत थी, उनके खून और पेशाब के सैंपल की जांच की गई है. बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर को मंगलवार को मेदांता अस्पताल में रखा जाएगा. फिलहाल उनका मेदांता अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है. परीक्षा […]
पटना: मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशांत किशोर को कुछ दिक्कत थी, उनके खून और पेशाब के सैंपल की जांच की गई है. बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर को मंगलवार को मेदांता अस्पताल में रखा जाएगा. फिलहाल उनका मेदांता अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है.
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अनशन कर रहे जन सुराज पार्टी के शुत्रधार प्रशांत किशोर की तबीयत आज मंगलवार को बिगड़ गई. PK को अस्पताल के ICU में शिफ्ट किया गया. आज सुबह उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह बीपीएससी छात्रों के समर्थन में 2 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं. ऐसे में उनकी पत्नी को दिल्ली से पटना बुलाया गया है.
बता दें कि आमरण अनशन पर अड़े प्रशांत किशोर दवा लेने को भी तैयार नहीं हैं. दिल्ली से उनकी पत्नी डॉ. जान्हवी दास को भी बुलाया गया है। उनसे पीके को दवा लेने के लिए मनाने को कहा गया है, जो शाम तक पटना पहुंच सकती है. पीके को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जेल जाने से पहले उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी गई थी। वह मंगलवार को व्रत का स्थान और स्वरूप बताने वाला था। माना जा रहा था कि जनसुराज के बैनर तले वह अपने अनशन को हर जिले तक फैला सकते हैं.
प्रशांत किशोर को सोमवार देर रात से पेट में दर्द होने लगा. सुबह डॉक्टर उनके आवास पर पहुंचे और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी. डॉक्टर PK को पटना के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां जांच के बाद पता चला कि उनके पेट में संक्रमण है. इलाज कर रहे डॉक्टरों के सामने समस्या यह है कि प्रशांत किशोर अस्पताल में भी अनशन पर अड़े हुए हैं.
प्रशांत किशोर की जिद के कारण पटना से बाहर रहने वाली उनकी पत्नी और बहन को बुलाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रशांत किशोर को मंगलवार को मेदांता अस्पताल में रखा जाएगा. फिलहाल उनका मेदांता अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज चल रहा है. डॉक्टर ने बताया कि प्रशांत किशोर अभी खाना नहीं खा रहे हैं, जो उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के लिए और भी गंभीर समस्या बनती जा रही है.