Breaking: लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश, समझे क्या है यह चुनाव

पटना: आज लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश किया गया है। इसके विरोध में विपक्ष हमलावर है. विपक्षी दलों की तरफ से कहा जा रहा है कि यह संघीय ढांचे पर हमला किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से इसे पेश किया गया है। आप करेगी इसका विरोध […]

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Breaking: लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश, समझे क्या है यह चुनाव

Pooja Pal

  • December 17, 2024 6:48 am IST, Updated 21 hours ago

पटना: आज लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश किया गया है। इसके विरोध में विपक्ष हमलावर है. विपक्षी दलों की तरफ से कहा जा रहा है कि यह संघीय ढांचे पर हमला किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से इसे पेश किया गया है।

आप करेगी इसका विरोध

आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध करेगी. इससे देश में संविधान और लोकतंत्र नष्ट हो जायेगा. नेताओं में चुनाव का डर है, अगर ये यहीं खत्म हुआ तो देश में महंगाई चरम पर होगी.

धर्मेंद्र यादव का बीजेपी पर हमला

सपा के धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग 8 राज्यों में एक साथ विधानसभा चुनाव नहीं करा सके, वे पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की बात करते हैं.

वन नेशन-वन इलेक्शन का मतलब

वन नेशन-वन इलेक्शन का मतलब है कि भारत में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. साथ ही स्थानीय निकाय चुनाव भी एक ही दिन या तय समय सीमा के भीतर कराए जाएं. पीएम मोदी काफी समय से एक देश एक चुनाव की वकालत कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए, पूरे 5 साल तक राजनीति नहीं होनी चाहिए. साथ ही चुनाव पर होने वाला खर्च कम हो और प्रशासनिक मशीनरी पर बोझ न बढ़े.

आजादी के बाद कब हुआ ऐसा चुनाव

भारत के लिए यह कोई नई अवधारणा नहीं है, आजादी के बाद से 1967 तक देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते रहे हैं। 1952, 1957, 1962 और 1967 में दोनों चुनाव एक साथ हुए, लेकिन राज्यों के पुनर्गठन और अन्य कारणों से, चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे।

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