Breaking News: 14वें दिन प्रशांत किशोर ने तोड़ा अपना आमरण अनशन

पटना। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने 14वें दिन पटना के LCT घाट स्थित जनसुराज आश्रम (कैंप) में अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया है। प्रशांत किशोर ने जनसुराज आश्रम में पहले गंगा नदी में स्नान किया फिर महात्मा गांधी को प्रणाम किया। इसके बाद हवन-पूजन कर मंच पर पहुंचे। BPSC अभ्यर्थियों ने जूस पिलाकर […]

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Breaking News: 14वें दिन प्रशांत किशोर ने तोड़ा अपना आमरण अनशन

Pooja Pal

  • January 16, 2025 11:02 am IST, Updated 2 days ago

पटना। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने 14वें दिन पटना के LCT घाट स्थित जनसुराज आश्रम (कैंप) में अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया है। प्रशांत किशोर ने जनसुराज आश्रम में पहले गंगा नदी में स्नान किया फिर महात्मा गांधी को प्रणाम किया। इसके बाद हवन-पूजन कर मंच पर पहुंचे। BPSC अभ्यर्थियों ने जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म करवाया।

11 जनवरी को मिली थी अस्पताल से छुट्टी

​BPSC 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पीके 2 जनवरी की शाम से अनशन पर बैठे थे। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें 7 जनवरी को इलाज के लिए मेदांता अस्पताल के ICU वार्ड में भर्ती कराया गया था। 11 जनवरी की शाम पीके को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। प्रशांत किशोर ने मंच से कहा कि ‘यहां किराया देकर आश्रम बनवाया है, ताकि सरकार लाठीचार्ज ना कर सके। आगामी 8 महीने में एक लाख युवाओं को यहां लाकर सत्याग्रह की ताकत समझाई जाएगी।

सरकार और जनसुराज के वकील की बहस

युवाओं को समाज को जगाने के लिए तैयार किया जाएगा।’ ‘हम बिहार के 1 लाख छात्रों और युवाओं को इस आश्रम में लाएंगे और उन्हें सत्याग्रह की ताकत के बारे में समझाएंगे। ये युवा लोगों को गांव-गांव और शहर-शहर जाकर बताएंगे कि बिहार में सरकार क्या कर रही है। साथ ही आम लोगों के अधिकार क्या हैं।’ BPSC 70वीं PT री-एग्जाम को लेकर आज यानी गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में सुबह 1 घंटे बहस हुई। इस दौरान सरकारी वकील पीके शाही और जनसुराज के वकील वाईबी गिरी के बीच तीखी बहस चली।

परीक्षा पर अनियमितता का आरोप

न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की। पटना हाईकोर्ट के जस्टिस चंदेल ने फैसला अपने पास सुरक्षित रख लिया है, लेकिन उसे कोर्ट में अभी सुनाया नहीं है। थोड़ी देर में हाईकोर्ट की वेबसाइट पर फैसला अपलोड हो जाएगा। याचिकाकर्ता ने परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाया है। वहीं सरकारी वकील ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।

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