पटना। प्रदेश में बिहार लोक सेवा आयोग न हाल ही में एक लाख 70 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों कि बहाली की है। इस पदों के लिए ली गई परीक्षा का रिजल्ट भी जारी किया जा चुका है। अब ऐसे में उन अभ्यर्थियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है जिन्होंने परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया […]
पटना। प्रदेश में बिहार लोक सेवा आयोग न हाल ही में एक लाख 70 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों कि बहाली की है। इस पदों के लिए ली गई परीक्षा का रिजल्ट भी जारी किया जा चुका है। अब ऐसे में उन अभ्यर्थियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है जिन्होंने परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया है। बता दें कि बीपीएससी ने ऐसे 20 अभ्यर्थियों को चिह्नित कर लिया है और उन पर कार्रवाई की गई है।
दरअसल सोमवार को विभाग की ओर से इस संबंध में जानकारी दी गई है। फिलहाल इस कार्रवाई के बाद कैंडिडेट्स अगले पांच साल तक आयोग की प्रतियोगी परीक्षा नहीं दे पाएंगे। बीपीएससी ने जो पत्र जारी किया है उसके अनुसार 11 ऐसे कैंडिडेट्स हैं जिनकी जगह पर दूसरे परिक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे। वहीं कुछ अभ्यार्थी आधार कार्ड के सत्यापन में असफल रहे और कुछ बायोमेट्रिक में फेल हो गए। अब इन्हीं अभ्यार्थियों पर कार्रवाई की गई है। बीपीएससी ने जांच के बाद यह प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बता दें कि बीपीएससी की ओर से जिन अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की गई है उनकी लिस्ट जारी कर दी गई है। इसके साथ ही इसका कारण भी बताया गया है। इन 20 अभ्यर्थियों में अंशु यादव, रामनंदन कुमार, रंजन कुमार गुप्ता, विकास कुमार राय, विकास चंद्र यादव, हरि प्रकाश, समीर राज, निरंजन कुमार, सरोज कुमार प्रसाद, राजाराम यादव, फूल कुमारी, मनीष कुमार, लालू कुमार, राकेश कुमार, शशि कुमार, मणिकांत कुमार, रितेश कुमार, मदन मोहन कुमार, गौरव कुमार और संजीत कुमार का नाम शामिल है।
बताया जा रहा है कि हाल ही में बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था। वहीं अब जांच के बाद गलत तरीके से परीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसा गया है। परीक्षार्थियों पर इस प्रतिबंध की गणना परीक्षा की तिथि से की जाएगी। इसके अंतर्गत 2 अगस्त को कराई गई परीक्षा में 11 अभ्यार्थियों, 25 अगस्त की परीक्षा में 3 और अंतिम दिन 26 अगस्त की परीक्षा में 6 अभ्यर्थी फर्जी पाए गए थे। इस परीक्षा के अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए भर्ती निकाली गई थी।