पटना। बिहार में जबसे शराबबंदी कानून लागू हुआ है, तबसे सियासी संग्राम हो रहा है। विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष के लोग समय-समय पर इसे खत्म करनी की मांग करते रहे है। इसे लेकर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बड़े संकेत दिये हैं। सीएम ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही […]
पटना। बिहार में जबसे शराबबंदी कानून लागू हुआ है, तबसे सियासी संग्राम हो रहा है। विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष के लोग समय-समय पर इसे खत्म करनी की मांग करते रहे है। इसे लेकर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बड़े संकेत दिये हैं। सीएम ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही है।
दरअसल बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाषण दे रहे थे। तभी नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि शराब से मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा दिया जाए। इसके जवाब में नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि जहरीली शराब पीकर यदि कोई मरता है तो वह खुद गलती करता है। सभी मामलों में बैठकर सब मिलकर विचार कर लीजिए क्योंकि शराबबंदी सिर्फ मेरा व्यक्तिगत फैसला नहीं था। सभी की सहमति के बाद इसे लागू किया गया था। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि जब आप लोग कहिए, तभी हम सर्वदलीय बैठक करवा देंगे। इस दौरान सीएम नीतीश ने ये भी कहा कि चाणक्य विधि विश्वविद्यालय के सर्वे के मुताबिक वर्ष 2018 में एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब छोड़ी।
बता दें कि बिहार में शराबबंदी है लेकिन राज्य में आए दिन जहरीली शराब से मरने वालों लोगों की संख्या सामने आती हैं। जहरीली शराब पीने से कितने लोगों की मौत हो चुकी हैं। हाल ही में छपरा में हुए जहरीली शराब कांड से राज्य में खूब बवाल मचा था। अब सीएम नीतीश कुमार ने भी सदन में कहा है कि शराब से मरने वाले व्यक्ति के परिवारों को मुआवजा मिलना चाहिए या नहीं इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे।