पटना: हर साल की तरह बिहार के राजनीतिक गलियारों में चुरा दही बेहद ख़ास होता है। इस दौरान सियासी दलों के नेता एक दूसरे के आवास पहुंचकर भोज खाते हैं। पिछले साल मकर संक्रांति यानी खिचड़ी पर सीएम नीतीश ने अपना पाला बदल लिया, इस वजह से इस बार की भी मकर संक्रांति चर्चा में […]
पटना: हर साल की तरह बिहार के राजनीतिक गलियारों में चुरा दही बेहद ख़ास होता है। इस दौरान सियासी दलों के नेता एक दूसरे के आवास पहुंचकर भोज खाते हैं। पिछले साल मकर संक्रांति यानी खिचड़ी पर सीएम नीतीश ने अपना पाला बदल लिया, इस वजह से इस बार की भी मकर संक्रांति चर्चा में बनी हुई है। इस बीच 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर पटना स्थित राबड़ी आवास पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है, जहां राजद के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता भी पहुंचे हैं। हालांकि, महागठबंधन के अन्य घटक दलों का कोई नेता यहां नजर नहीं आया। कहा जा रहा है कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला है। इस बीच राबड़ी आवास पहुंचे आरजेडी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने बड़ा बयान दिया है।
मीडिया से बात करते हुए राजद नेता अली अशरफ फातमी ने कहा कि नीतीश कुमार का आशीर्वाद तेजस्वी के साथ है. नीतीश ने कहा है कि तेजस्वी 2025 में मुख्यमंत्री बनेंगे. जब उनसे पूछा गया कि क्या महागठबंधन के दरवाजे नीतीश के लिए खुले हैं तो उन्होंने कहा कि लालू यादव का दरवाजा सबके लिए खुला है. लालू यादव ने नीतीश को अपने साथ आने का न्योता दिया है। देखिए, आज भी लालू आवास का गेट सबके लिए खुला है। आम लोग और कार्यकर्ता आ रहे हैं।
राजद के दही चूड़ा भोज में सहयोगी दलों को आमंत्रित नहीं करने के जदयू के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि हर बार मकर संक्रांति पर राबड़ी आवास पर बड़े पैमाने पर चूड़ा दही भोज का आयोजन होता था, सहयोगी दलों को भी आमंत्रित किया जाता था, लेकिन इस बार सिर्फ राजद कार्यकर्ताओं को ही आमंत्रित किया गया है। सभी नेताओं को अपने-अपने जिलों में मकर संक्रांति मनाने को कहा गया है. नीतीश कुमार चिराग के दही चूड़ा भोज में पहुंचे लेकिन चिराग मौजूद नहीं थे. नीतीश कुमार तुरंत वापस लौट गए. इस पर उन्होंने कहा कि यह एनडीए का अंदरूनी मामला है.