Bihar News: सहसरांव पंचायत के सरपंच ने KK Pathak को लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला

पटना। बिहार के सहसरांव पंचायत से जुड़ा मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि भगवानपुर हाट, सहसरांव पंचायत के सरपंच मुकेश कुमार सिंह ने शनिवार को बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को निबंधित डाक से पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने चार शिक्षकों पर फर्जी होने का आरोप लगाने के […]

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Bihar News: सहसरांव पंचायत के सरपंच ने KK Pathak को लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला

Nidhi Kushwaha

  • November 4, 2023 1:03 pm IST, Updated 1 year ago

पटना। बिहार के सहसरांव पंचायत से जुड़ा मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि भगवानपुर हाट, सहसरांव पंचायत के सरपंच मुकेश कुमार सिंह ने शनिवार को बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को निबंधित डाक से पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने चार शिक्षकों पर फर्जी होने का आरोप लगाने के साथ ही उनका नियोजन रद्द करने का आग्रह किया।

नियोजित शिक्षकों को बर्खास्त करने का आग्रह

इस पत्र में सरपंच मुकेश कुमार सिंह ने 2006 में नियोजित शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त करने के संबंध में बात कही है। इसमें निदेशक प्राथमिक शिक्षा विभाग बिहार के पत्रांक 450, दिनांक 26.03.2021 एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सिवान के ज्ञापांक 1127, दिनांक 20.05.2021 एवं बीडीओ भगवानपुर के पत्रांक 356, दिनांक 11.02.23 में वर्णित तथ्यों का हवाला दिया गया है।

इन शिक्षकों का नाम आया सामने

इसके साथ ही पत्र में कहा गया है कि उक्त सभी अधिकारियों ने कार्यपालक पदाधिकारी पंचायत समिति सह प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी को पत्र के माध्यम से सूचित किया था कि शिक्षिका प्रेम पुतुल कुमारी मध्य विद्यालय जुआफर, बलिराम राय नायब प्राथमिक विद्यालय मालीटोला मुंदीपुर, प्रमोद कुमार पंडित प्राथमिक विद्यालय सोनवर्षा तथा जय प्रकाश सिंह प्राथमिक विद्यालय दिलसादपुर का नियोजन गलत प्रमाण पत्रों के आधार पर हुआ है। यही नहीं पत्र में उक्त शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त करते हुए वेतन मद से भुगतान की गई राशि की वसूली करने का भी निर्देश दिया गया था, लेकिन अब तक नियोजन इकाई द्वारा उक्त शिक्षकों को बर्खास्त नहीं किया गया है और न ही राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई।

क्या बोले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

वहीं इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्रवण कुमार ने बताया कि उक्त शिक्षकों का वेतन बंद कर दिया गया है। ऐसा होने के बाद भी वे अभी भी विद्यालय में हैं। इसके साथ ही बताया गया जा रहा है कि चारों शिक्षक वरीय अधिकारियों के आदेश के विपरीत न्यायालय की शरण में भी गए थे।

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