पटना: इन दिनों बिहार की नीतीश सरकार की तरफ से प्रदेश भर में भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी है। ऐसे में सासाराम जिले में फिलहाल जमीन सर्वे का काम चल रहा है. विभिन्न ब्लॉकों में शिविर लगाकर लोगों के द्वारा आवेदन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. जिस वजह से ब्लॉक कार्यालय, निबंधन विभाग […]
पटना: इन दिनों बिहार की नीतीश सरकार की तरफ से प्रदेश भर में भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी है। ऐसे में सासाराम जिले में फिलहाल जमीन सर्वे का काम चल रहा है. विभिन्न ब्लॉकों में शिविर लगाकर लोगों के द्वारा आवेदन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. जिस वजह से ब्लॉक कार्यालय, निबंधन विभाग से लेकर अभिलेखागार में दस्तावेजों को लेने के लिए लोग काफी संख्या में पहुंच रहे हैं।
बता दें कि भूमि सर्वेक्षण को लेकर लोगों को ऐसा लग रहा है कि सर्वे की आखिरी तारीख जल्द ही ऐलान होगा. ऐसे में कुछ अफवाह भी प्रदेश की जनता को परेशान किया है कि लास्ट डेट सितंबर के आखिरी सप्ताह तक है. लेकिन, इन सभी अफवाहों पर लोगों को बिल्कुल भी ध्यान नहीं देने की जरूरत है.
इस मामले को लेकर जिला बंदोबस्त पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा ने फेसबुक लाइव के माध्यम से लोगों को सच से रूबरू कराया है. उन्होंने जमीन सर्वे से संबंधित विभिन्न बात भी बताई है. उन्होंने कहा कि लोगों को जल्दबाजी में अपने भूमि के दस्तावेजों को ऑनलाइन आवेदन नहीं करना है. पूरी तरह अपनी जमीन के दस्तावेजों को सुरक्षित ढंग से रखें. इसके बाद आवेदन की प्रक्रिया करें। थोड़ी सी लापरवाही लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है. क्योंकि भूमि सर्वेक्षण दस्तावेज ऑनलाइन जमा करने की तिथि तय नहीं की गयी है.
उन्होंने कहा कि रैयत अपनी भूमि पंजी प्राप्त कर भूमि दस्तावेज के लिए आवेदन कर सकते हैं. जिसमें लोग असमंजस में हैं कि अपडेटेड रसीद होना अनिवार्य नहीं है. एक या दो वर्ष पहले काटी गई भूमि की रसीद जमा करना पर्याप्त होना चाहिए। लेकिन, लोगों को ईमानदारी से जांच करनी होगी कि उक्त जमीन निबंधित है या नहीं. उन्होंने बताया कि आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
जिला बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि भूमि सर्वे के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. चार-चार मौजा का एक समूह बनाया जायेगा. जिसमें एक अमीन काम करेगा. चारों मौजा की परिधि मापने की जिम्मेवारी उनकी होगी. साथ ही उन्होंने बताया कि जिले में चार सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी की टीम बनाई गई है. इनकी जिम्मेदारी होगी कि पंचायत स्तर पर भूमि सर्वेक्षण का काम करने वाले कर्मचारियों के साथ-साथ लोगों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं. जिसमें हम सर्वे से जुड़ी जानकारी साझा करेंगे.
आवेदन के बाद ऑनलाइन दावा आपत्ति की प्रक्रिया होगी
लोगों को बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. जमीन के दस्तावेजों के ऑनलाइन आवेदन के बाद लोगों को दावे और आपत्तियां उठाने का समय मिल जाएगा. ताकि लोगों को अपनी जमीन के बारे में सही जानकारी मिल सके. यह भी संभव है कि ऑनलाइन आवेदन में किसी प्रकार की ग्लतियां हो गई हो तो इसमें सुधार भी किया जा सकता है. इसकी सुनवाई होगी. सुनवाई के बाद यह फ़ील्ड भर दी जाएगी.
जब से सर्वे का काम शुरू हुआ है तब से जिले के लोग अपनी रैयती जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए जिला अभिलेख विभाग में लंबी कतार लगा रहे हैं. एक दिन में करीब तीन से चार सौ लोग खतियान तक पहुंचते हैं. उनकी समस्याओं को देखते हुए जिले के सभी मौजा के खतियान को स्कैन कर ऑनलाइन अपडेट किया गया. बंदोबस्त पदाधिकारी ने कहा कि यदि किसी कार्य के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है. उसके लिए भी काम किया जा रहा है.
उन्होंने वंशावली के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लोगों को वंशावली के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है. स्वघोषित वंशावली मान्य होगी. अब तक सवा लाख स्वघोषणा पत्र प्राप्त हो चुके हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि जिन जमीनों का म्यूटेशन नहीं हुआ है. वैसे जमीन का केवाला भी दस्तावेज जमा किया जा सकता है.