बिहार: 15 जेलों में लगने जा रहा HCBS टावर, जानिए खासियत

पटना। राज्य के 15 जेलों में जल्द ही एचसीबीएस टावर लगाए जाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बुधवार को इस संबंध में बात की। तलाशी बूथ स्थापित करने को मंजूरी बिहार सरकार ने जेल परिसरों से अनधिकृत कॉल को रोकने के लिए राज्य की 15 जेलों में HCBS टावर […]

Advertisement
बिहार: 15 जेलों में लगने जा रहा HCBS टावर, जानिए खासियत

Nidhi Kushwaha

  • September 7, 2023 11:20 am IST, Updated 1 year ago

पटना। राज्य के 15 जेलों में जल्द ही एचसीबीएस टावर लगाए जाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बुधवार को इस संबंध में बात की।

तलाशी बूथ स्थापित करने को मंजूरी

बिहार सरकार ने जेल परिसरों से अनधिकृत कॉल को रोकने के लिए राज्य की 15 जेलों में HCBS टावर यानी ‘हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम’ के टावर लगाने का अहम फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि गृह विभाग जेल और सुधार सेवाएं प्रदेश की जेलों में सुरक्षा प्रणालियों को बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने बताया की जेल परिसरों से प्रतिबंधित संचार उपकरण जैसे की फोन बरामद होना लंबे समय से एक चुनौती बना हुआ है। साथ ही सभी जेलों में तलाशी बूथ स्थापित करने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मोबाइल या प्रतिबंधित वस्तुएं जेल परिसर के अंदर न ले जाई जा सकें।

इन जेलों में लगेगा टावर

बता दें कि ये HCBS टावर केंद्रीय कारागार बेउर, केंद्रीय कारागार बक्सर, केंद्रीय कारागार मोतिहारी, शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारागार मुजफ्फरपुर, केंद्रीय कारागार पूर्णिया, शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारागार भागलपुर, विशेष केंद्रीय कारागार भागलपुर, केंद्रीय कारागार गया, जिला कारागार छपरा, जिला कारागार दरभंगा, जिला कारागार सहरसा, जिला कारागार मुंगेर, जिला कारागार फुलवारी शरीफ, उप-जेल दानापुर और पटना सिटी के उप-जेल में स्थापित किए जाएंगे।

ये है खास बात?

इस टावर की खासियत की बात करें तो इससे जेल परिसरों से चोरी-छिपे की जा रही फोन कॉल को रोका जा सकेगा और साथ ही जेल के अंदर से फोन कॉल करने के किसी भी प्रयास को पकड़ा जा सकेगा। यह बताया जा रहा है कि विभाग ने परियोजना के लिए पात्र कंपनियों की पहचान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और उन्हें इसे समय से से पूरा करना होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों की माने तो जेल परिसरों और उनके आसपास के क्षेत्रों में सिग्नल की कवरेज, क्षमता और गुणवत्ता की जांच करने के लिए दूरसंचार विभाग को कुछ निर्देश भी दिए गए थे। TSP द्वारा किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि जेल परिसरों में अभी भी सिग्नल की संभावनाएं पाई जा रही हैं और गैर कानूनी फोन कॉल करने की संभावनाएं खत्म नही हुई हैं।

Advertisement