पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की किडनी कांड पीड़िता सुनीता के इलाज के लिए लोग सड़क पर उतर आये है. सकरा रेफरल अस्पताल से एक भावुक तस्वीर सामने आयी. अपनी मां के बेहतर इलाज के लिए उसके मासूम बच्चे भूख हड़ताल कर रहे हैं. बता दें कि मुजफ्फरपुर के चर्चित किडनी कांड की पीड़िता सुनीता […]
पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की किडनी कांड पीड़िता सुनीता के इलाज के लिए लोग सड़क पर उतर आये है. सकरा रेफरल अस्पताल से एक भावुक तस्वीर सामने आयी. अपनी मां के बेहतर इलाज के लिए उसके मासूम बच्चे भूख हड़ताल कर रहे हैं. बता दें कि मुजफ्फरपुर के चर्चित किडनी कांड की पीड़िता सुनीता की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. पिछले 5 महीनों से वह डायलिसिस के सहारे जिंदा है, लेकिन अब उसकी स्थिति बिगड़ रही है.
सुनीता के बेहतर इलाज के लिए बीते 13 दिनों से उसके परिवार के सदस्य एवं स्थानीय लोग धरना पर बैठे हुए हैं. सुनीता की 12 वर्षीय बेटी सोनम, 10 वर्षीय बेटा आकाश को भूखे-प्यासे बैठा देखकर लोग भावुक हो जाते है. सुनीता को न्याय दिलाने के लिए समाजसेवी प्रवीण कुमार भी लगातार प्रयासरत है, वो बीते 13 दिनों से धरना का नेतृत्व कर रहे है.
भूख हड़ताल पर बैठी सुनीता की 12 वर्षीय बेटी सोनम अपनी मां के लिए सरकार से किडनी की मांग कर रही है. उसने सरकार से अपनी मां की इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की मांग की है. सोनम सरकार से गुहार लगाते हुए रोने लगती है, साथ में उसका 10 वर्षीय भाई आकाश भी अपनी मां के लिए रोने लगता है. सुनीता के पति अकलू राम की रोजी-रोटी सब बंद हो चुकी है. कई महीनों से अपनी पत्नी के इलाज के लिए दर-बदर भटक रहे अकलू राम के पास कुछ नहीं बचा है. मजदूरी का काम करने वाला अकलू राम के पास खाने तक के पैसे नहीं रहते.
गौरतलब हैं कि मुजफ्फरपुर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया था, जहां एक निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने गई महिला की दोनो किडनी निकाल ली गई थी। सितंबर 2022 में सुनीता देवी नाम की महिला अपने गर्भाशय संक्रमण का इलाज कराने शहर के बरियापुर इलाके में स्थित एक निजी क्लिनिक गई थी। जहां पर दो फर्जी डॉक्टर ने धोखे से दोनों किडनी निकाल ली। उस घटना ने सुनीता की जिंदगी बदतर कर दी है। पीड़िता मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में डायलिसिस के सहारे जीवित है। इस घटना के इतने वक़्त बीत जाने के बाद भी अबतक न सरकार मुख्य आरोपी डॉक्टर को पकड़ पायी है, न ही सुनीता के लिए किडनी की व्यवस्था हो पाई है.