पटना। नीतीश सरकार ने 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन जातिगत जनगणना का रिपोर्ट जारी किया। जबसे ये आकंड़े जारी हुए है, इसपर जमकर राजनीति हो रही है। मामला SC पहुंचा और इसपर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत सर्वे पर यथास्थिति का आदेश देने से मना कर दिया। साथ […]
पटना। नीतीश सरकार ने 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन जातिगत जनगणना का रिपोर्ट जारी किया। जबसे ये आकंड़े जारी हुए है, इसपर जमकर राजनीति हो रही है। मामला SC पहुंचा और इसपर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत सर्वे पर यथास्थिति का आदेश देने से मना कर दिया। साथ ही इसपर अगली सुनवाई जनवरी में करने के लिए कहा।
जातिगत सर्वे पर रोक लगाने से इंकार करते हुए अध्यक्ष जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि किसी राज्य सरकार को नीति बनाने या काम करने से नहीं रोका जा सकता है। हम सुनवाई में उसकी समीक्षा कर सकते हैं। सुनवाई करते हुए जज ने कहा कि हाईकोर्ट ने विस्तृत आदेश पारित किया है और हम भी इसे विस्तार से सुनना चाहते हैं।
जातीय जनगणना का जो रिपोर्ट जारी किया गया है। उसके मुताबिक बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हज़ार 310 है। इसमें पुरुषों की कुल संख्या 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है। वहीं अन्य की संख्या 82 हजार 836 दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार 81.99 प्रतिशत हिंदू हैं और 17.7% मुस्लिम है।