पटना। बिहार में एक बार फिर से पुल हादसा हो गया है। 4 दिन के अंदर दूसरा पुल भरभरा कर नीचे गिर पड़ा। सीवान के महाराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर बना पुल अचानक से गिर गया। शनिवार को पुल का एक पाया जमीन में धसने लगा। देखते ही […]
पटना। बिहार में एक बार फिर से पुल हादसा हो गया है। 4 दिन के अंदर दूसरा पुल भरभरा कर नीचे गिर पड़ा। सीवान के महाराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर बना पुल अचानक से गिर गया। शनिवार को पुल का एक पाया जमीन में धसने लगा। देखते ही देखते पूरा पुल नहर में गिर गया। पुल के गिरने के बाद दोनों गांव के बीच की आवागमन प्रवाहित हो गया। पुल के गिरने से इलाके में खलबली मची गई है। लोग पुल निर्माण के कार्य पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर यह पुल हादसा हुआ कैसे?
स्थीनय लोगों का कहना है कि 29 साल पहले बिहार सरकार द्वारा इस पुल का निर्माण कराया गया था। कुछ दिन पहले ही विभाग द्वार नहर की सफाई करवाई गई थी। इसके साथ ही नहर की मिट्टी को काटकर नहर के बांध पर फेंक दिया गया था। ग्रामीणों का मानना है की इस वजह से ही पुल नहर में जा गिरा। इस घटना के बाद बिहार प्रशासन ने मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया हैं।
बता दें कि इससे पहले 18 जून को अररिया जिले में बकरा नदी पर बना पुल उद्धाघटन से पहले ही नदी में जा गिरा। बकरा नदी पर बना पुल 182 मीटर का था जो कुल 3 हिस्सों में बनाया गया था। दो पाए के साथ दो हिस्सा नदी में जा गिरा। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत बने इस पुल की लागत 7.79 करोड़ की लागत का था। लेकिन बाद में नदी की धारा में परिवर्तन से और एप्रोच सड़क को लेकर इस पुल की लागत 7.79 करोड़ से बढ़कर 12 करोड़ की लागत का हो गया था।