पटना: हिंदू धर्म में भानू सप्तमी का अपना ही महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधी। सूर्यदेव […]
पटना: हिंदू धर्म में भानू सप्तमी का अपना ही महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधी।
वैदिक पंचांग के मुताबिक, हर वर्ष मार्गशीर्ष महीने की सप्तमी तिथि के दिन भानू सप्तमी का व्रत रखा जाता है. यह दिन सूर्य देव को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक सूर्य देव की पूजा और व्रत करने से जीवन की कई समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा भाग्य में वृद्धि के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
पंचांग के अनुसार इस बार मार्गशीर्ष मास की सप्तमी तिथि 7 दिसंबर को रात 11.05 बजे शुरू होगी. वही तिथि अगले दिन 8 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार भानु सप्तमी का व्रत 8 दिसंबर को रखा जाएगा.
भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा का शुभ समय सुबह 6 बजकर 01 मिनट से 6 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस दौरान श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य दे सकते हैं और विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं।
भानु सप्तमी के दिन पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। इसके बाद एक कलश में जल, गुड़, रोली, लाल फूल और गंगाजल डालकर उगते सूर्य को अर्घ्य दें। वैदिक मंत्रों का जाप करें और भगवान सूर्य की चालीसा का पाठ करें. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने की भी परंपरा है। इसके बाद सूर्यदेव की आरती के साथ पूजा का समापन करें।
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा..
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर।
किसी जरूरतमंद व्यक्ति को गुड़ और लाल वस्त्र दान करें।
गाय को रोटी और गुड़ खिलाएं।
सूर्य मंदिर में जाकर दीपक जलाएं।
सूर्य देव को लाल रंग पसंद है इसलिए लाल वस्त्र पहनें।
सूर्य नमस्कार करने से शरीर स्वस्थ और मन शांत रहता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सेहत भी अच्छी रहती है. इस दिन विधि-विधान से व्रत और पूजा करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा जीवन के सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं।