पटना: आनंद मोहन की रिहाई के बाद से लगातार सूबे की सियासत गरमाई हुई है. आनंत मोहन की रिहाई के फैसले पर बीजेपी खुलकर तो कुछ नहीं बोल रही है, लेकिन मुस्लिम यादव समीकरण वाले कैदियों की रिहाई पर सवाल उठा रही है. इसी बीच आज आनंद मोहन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बहुत सारे सवालों का जवाब दे चुका हूं, लेकिन अब नहीं दूंगा, उन्होंने कहा कि मैं सारे विरोधियों को यह कहना चाहूंगा कि यह जनतंत्र है. इसके साथ ही उन्होंने सबको प्रणाम बोला.
सरकार पर साध रहे निशाना
दरअसल, आनंद मोहन की रिहाई की खबरों के बाद से लगातार नीतीश सरकार पर दवाब बनाया जा रहा है. इस मामले में आज सुबह जानकारी सामने आई कि आनंद मोहन की रिहाई के कारण सरकार से आईएएस एसोसिएशन भी नाराज चल रही है. इसके साथ ही कई विपक्षी दल के नेता भी सरकार के इस फैसले पर आपत्ती जता रहे हैं.
विपक्ष कर रही है वार
बताया जा रहा है कि बक्सर जेल में बंद 93 वर्षीय पतिराम राय की मृत्यु एक साल पहले ही हो चुकी है, लेकिन गृह विभाग की ओर से जारी लिस्ट में उनका नाम भी शामिल है. इस शख्स को 35 साल पहले ही सजा हुई थी. आनंद मोहन की रिहाई के बाद से लगातार नीतीश कुमार के ऊपर विपक्ष निशाना साध रही है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा था और उनपर राजपूत वोटों के लिए तुष्टिकरण का आरोप लगाया था. इस पर जदयू अध्यक्ष ने उनको बीजेपी की टीम बी कहा था.
मायावती बीजेपी की बी टीम
जदयू की ओर से ललन सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है कि बीजेपी के कहने पर मायावती ने आनंद मोहन की रिहाई पर सवाल उठाया है और आनंद मोहन की रिहाई को दलित विरोधी बता रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मायावती बीजेपी की बी टीम हैं.