पटना। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में अब एमएस धोनी अब कप्तान नहीं हैं, लेकिन उनका प्रभाव अभी भी कप्तान की तरह ही मजबूत है। साल 2025 सीजन में एक बार फिर एमएस धोनी मैदान में उतरे तो फैंस ने उनके नाम के नारे लगाए। पिछले साल जब रुतुराज गायकवाड़ ने टीम की कमान संभाली […]
पटना। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में अब एमएस धोनी अब कप्तान नहीं हैं, लेकिन उनका प्रभाव अभी भी कप्तान की तरह ही मजबूत है। साल 2025 सीजन में एक बार फिर एमएस धोनी मैदान में उतरे तो फैंस ने उनके नाम के नारे लगाए। पिछले साल जब रुतुराज गायकवाड़ ने टीम की कमान संभाली थी तब भी स्टंप के पीछे धोनी की मौजूदगी श्रेष्ठ थी। उनका लिया गया हर फैसला सर्वोपरि था।
खासकर जब बात डीआरएस की आती है, तो धोनी का फैसला ही आखिरी माना जाता है। जिस समय डीआरएस(Decision Review System) की शुरुआत की गई थी उसी समय से धोनी रिव्यू सिस्टम कहा जाने लगा था। हालांकि इसका नाम डिसीजन रिव्यू सिस्टम है। धोनी का फैसला सालों से लगभग बेजोड़ रहा है। धोनी द्वारा लिए गए हर फैसले के पीछे कोई न कोई वजह होती है। आईपीएल 2025 के उद्घाटन मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिखाया है कि कप्तान और गेंदबाज किसी भी चीज से ज्यादा उनके शब्दों पर भरोसा करते हैं।
दरअसल धोनी के रिव्यू लेने के एक फैसले ने मुंबई के खिलाफ चेन्नई को एक महत्वपूर्ण विकेट दिलाया। जब 18वें ओवर में नाथन एलिस की गेंद मिशेल सेंटनर के पैड पर लगी, तो धोनी के शांत इशारे से ही चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान रुतुराज गायकवाड़ को रिव्यू लेने का इशारा किया। जिससे मामला तभी निपट गया, हालांकि मैदानी अंपायर ने टीपी अंपायर की ओर इशारा किया और वहीं हुआ, जो हमेशा होता है। फैसला पलट गया और सेंटनर को मैदान छोड़कर जाना पड़ा।
इसके बाद पूरा स्टेडियम शोर से गूंजने लगा। एक बार फिर धोनी रिव्यू सिस्टम की बात उठने लगी। सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई मीम्स वायरल होने लगे। हमेशा की तरह धोनी की सूझबूझ से टीम को फायदा हुआ। क्रीज पर सेंटनर, एलिस की गेंद को एडजस्ट करने में असफल रहे, जो नीचे से उछली और गेंद उनके बैक पैड पर लगी, इससे पहले कि वे कुछ प्रतिक्रिया करते, मैदानी अंपायर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन एलिस आश्वस्त थे। सबसे महत्वपूर्ण बात थी कि धोनी भी आश्वस्त थे और उन्होंने गायकवाड़ को रिव्यू लेने की सलाह दी।