पटना। तमिलनाडू के बेटे उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ यूट्यूबर मनीष कश्यप की मां ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि अगर संविधान सबके लिए बराबर है तो उदयनिधि स्टालिन पर भी NSA लगे। उदयनिधि के बयान से पूरे देश में टकराव तमिलनाडू के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर […]
पटना। तमिलनाडू के बेटे उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ यूट्यूबर मनीष कश्यप की मां ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि अगर संविधान सबके लिए बराबर है तो उदयनिधि स्टालिन पर भी NSA लगे।
तमिलनाडू के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर विवादित बयान पर यूट्यूबर मनीष कश्यप की मां ने राष्ट्रपति द्रौपदि मुर्मू को पत्र लिखकर स्टालिन पर रासुका लगाने की मांग की है। मनीष कश्यप की मां मधु देवी ने अपने बेटे पर तमिलनाडु सरकार द्वारा किए गए FIR को साजिश करार देने के साथ-साथ कहा कि अगर संविधान सबके लिए बराबर है तो फिर तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन पर भी NSA लगाया जाए क्योंकि उसके बयान से पूरे देश में टकराव की स्थिति बन गई है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बेटे ने क्या गलती की थी जिस पर NSA लगाया गया था?
मनीष कश्यप की मां मधु देवी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित स्वतंत्र कमेटी से पूरे मामले की जांच की मांंग करते हुए कहा है कि अगर मेरे बेटे की वजह से दो राज्यों में टकराव की स्थिति पैदा हुई है तो एक मुख्यमंत्री के बेटे के बयान से तो पूरे देश में टकराव की स्थिति बन गई है। उन्होंने कहा कि अगर संविधान सबके लिए बराबर है तो स्टालिन के बेटे पर भी NSA लगाकर जेल में क्यों नहीं डाला जा रहा है?
मनीष कश्यप की मां मधु देवी ने मनीष पर लगाए गए केस को झूठा करार देते हुए लिखा है कि तमिलनाडु में 6 फर्जी FIR करके उनके बेटे पर NSA लगाया गया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों के साथ हिंसा का मामला 21 फरवरी से ही प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में चलने लगा था। जबकि उनके बेटे ने मार्च के महीने में वीडियो बनाया था पर तमिलनाडु और बिहार सरकार की मिली भगत की वजह से उसपर कार्रवाई की गई थी।
यूट्यूबर मनीष कश्यप का पूरा मामला मनीष कश्यप और एक अन्य युवक युवराज सिंह से जुड़ा है। दोनों पर आरोप है कि इन्होंने तमिलनाडु में बिहार श्रमिकों की पिटाई का फर्जी वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। वीडियो में बिहारी श्रमिकों को तमिलनाडु से भगाने की भी बात की जा रही थी। बाद में बिहार सरकार की जांच बैठक में वीडियो को फर्जी पाया गया। उसके बाद काफी दिनों तक पुलिस से छुपने के बाद मनीष कश्यप ने बेतिया के थाने में 18 मार्च को सरेंडर कर दिया था।