पटना। भले ही इस वक़्त उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में हो लेकिन बिहार का सियासी तापमान गरम नजर आ रहा है। ललन सिंह के जदयू अध्यक्ष पद से हटने के बाद से सियासी हलचल नहीं थमी है। इसी बीच राज्य की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के घर के बाहर एक पोस्टर लगाया […]
पटना। भले ही इस वक़्त उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में हो लेकिन बिहार का सियासी तापमान गरम नजर आ रहा है। ललन सिंह के जदयू अध्यक्ष पद से हटने के बाद से सियासी हलचल नहीं थमी है। इसी बीच राज्य की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के घर के बाहर एक पोस्टर लगाया गया।
इस पोस्टर में भारत की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फूले के कथन का हवाला देते हुए कहा गया है कि मंदिर मानसिक गुलामी का मार्ग होता है और स्कूल का मतलब है जीवन में प्रकाश का मार्ग। जब मंदिर की घंटी बजती है तो वो हमें यह संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन जब स्कूल की घंटी बजती है तो इससे हमें यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान, वैज्ञानिकता और प्रकाश की तरफ बढ़ रहे हैं। अब आपको तय करना है कि किस तरफ जाना चाहिए।
बता दें कि राजद की तरफ से 7 जनवरी को रोहतास में सावित्री बाई फुले की जयंती समारोह का आयोजन होना है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के शिक्षा मंत्री और विवादित बयान देने वाले डॉ. चंद्रशेखर करने वाले हैं। साथ ही इस पोस्टर में सनातन और हिंदू देवी देवताओं पर विवादित बयान देने वाले राजद विधायक फ़तेह बहादुर सिंह की तस्वीर भी है। फ़तेह बहादुर ने सरस्वती माता को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा था कि वो चरित्रहीन है।