Supporting: पीके को बच्चों का साथ देना पड़ा भारी, न्याय दिलाना तो दूर मिल गया पुलिस का नोटिस

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन के मामले में प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कई धाराओं में केस दर्ज करवाया है। प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उन्होंने अभ्यर्थियों को उकसाने की कोशिश की है, उन्हें सड़क पर लाकर हंगामा करने के लिए […]

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Supporting: पीके को बच्चों का साथ देना पड़ा भारी, न्याय दिलाना तो दूर मिल गया पुलिस का नोटिस

Pooja Pal

  • December 30, 2024 4:23 am IST, Updated 3 days ago

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन के मामले में प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कई धाराओं में केस दर्ज करवाया है। प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उन्होंने अभ्यर्थियों को उकसाने की कोशिश की है, उन्हें सड़क पर लाकर हंगामा करने के लिए प्रेरित किया है।

सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन

जिसके चलते उनके खिलाफ कई गंभीर धाराएं में केस दर्ज किया है। इस मामले में प्रशांत किशोर समेत 21 से ज्यादा नामजद और 600 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है। पटना के जिलाधिकारी ने पूरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रदर्शन के दौरान हुई अव्यवस्था और कानून-व्यवस्था के उल्लंघन के कारण इस मामले में कार्रवाई की गई है। मामले की जांच जारी है, वही पुलिस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भरोसा जताया है।

इन लोगों पर हुआ केस दर्ज

.मनोज भारती (अध्यक्ष जन सुराज पार्टी), कोचिंग संचालक, रह्मांशु मिश्रा, निखिल मणि तिवारी, शुभम स्नेहित, सुभाष कुमार ठाकुर, आनंद मिश्रा, प्रशांत किशोर (2 बाउंसर जो प्रशांत किशोर के साथ थे, विष्णु कुमार, राकेश कुमार मिश्रा, सुजीत कुमार (सुनामी कोचिंग) , सहित कुल 21 नामजद और 600 से अज्ञात के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की गई है। दरअसल, अभ्यर्थियों ने बताया कि कई दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद भी नीतीश कुमार सरकार ने उनसे बातचीत नहीं कर रही।

मार्च करने का फैसला लिया

इसके बाद प्रशांत किशोर के नेतृत्व में उन्होंने सचिवालय की ओर से मार्च करने का फैसला लिया। गांधी मैदान से वे रविवार शाम सरकार से बातचीत करने के लिए मार्च निकाले थे। उन्हें रोकने के लिए बिहार पुलिस ने कई लेयर में बैरिकेडिंग भी की थी। होटल मौर्य पर भी बैरिकेडिंग की गई , लेकिन अभ्यर्थी उसे तोड़ते हुए आगे बढ़े, जहां बिहार पुलिस उन्हें रोकने के लिए आगे बढ़ी। बता दें कि, गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी द्वारा छात्र संसद के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी, जिसे स्वीकृति नहीं मिली।

लोगों की भीड़ जुट गई

इस पर प्रशासन ने कहा कि इसके बावजूद भी 29 दिसंबर को पार्टी ने गांधी मूर्ति के पास अनधिकृत रूप से लोगों की भीड़ जुटाई, प्रदर्शन किया और कानून-व्यवस्था को ताक पर रखा। अभ्यर्थियों ने गांधी मूर्ति से जेपी गोलंबर तक बिना अनुमति के मार्च निकाला और सड़क जाम कर दिया। इस दौरान प्रशासन और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की गई। प्रदर्शनकारियों ने लाउडस्पीकर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, जो भीड़ नियंत्रण के लिए लगाए गए थे। प्रशासन ने बार-बार अनुरोध किया, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने।

अभ्यर्थियों पर हल्का बल प्रयोग

जिसके बाद जेपी गोलंबर पर भीड़ बेकाबू हो गई, जिसके बाद अभ्यर्थियों पर पानी की बौछार और हल्का बल प्रयोग कर उन्हें हटाया और स्थिति को सामान्य किया। गांधी मैदान थाना में इस घटना को लेकर 21 नामजद और 600 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। प्रशासन ने कहा कि कानून-व्यवस्था को भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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