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पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में बोले अध्यक्ष रमन सिंह, विधायिका को मजबूत करना चिंता का विषय

पटना। बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें कई राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के अध्यक्ष शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और उनकी टीम के सदस्य शामिल हुए। देशभर में से आए अध्यक्ष और चेयरमैन छत्तीसगढ़ […]

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Speaker Raman Singh
  • January 21, 2025 3:58 am IST, Updated 3 weeks ago

पटना। बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें कई राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के अध्यक्ष शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और उनकी टीम के सदस्य शामिल हुए।

देशभर में से आए अध्यक्ष और चेयरमैन

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह ने बैठक के दौरान कहा कि चाहे लोकसभा हो या विधानसभा, दोनों की कार्यवाही के समय में वृद्धि करनी चाहिए। प्रत्येक मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। रमन सिंह ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा, “इस कार्यक्रम में देश भर से आए हुए विधानसभा के अध्यक्ष और विधान परिषद के चेयरमैन शामिल हुए हैं, साथ ही लोकसभा के अध्यक्ष और उनकी पूरी टीम और हमारे सभी अधिकारी मौजूद हैं।

विधायिका को मजबूत करने का काम

यह विषय महत्वपूर्ण है कि चाहे लोकसभा हो या विधानसभा, लोकसभा के अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा कि विधानसभा और लोकसभा की कार्यवाही की अवधि बढ़ानी चाहिए। दोनों सदनों में ज्यादा समय तक बहस होनी चाहिए। किसी भी विभाग के बजट को बिना विस्तृत चर्चा के पास नहीं करना चाहिए। विधायिका की भूमिका, जो कानून बनाने का काम करती है, उसे और मजबूत कैसे किया जा सकता है, यही एक चिंता का विषय है।”

विधानसभा को जीवित करने का काम

उन्होंने आगे कहा, “छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में हमने वहां यह नियम लागू किया कि यदि कोई सदस्य वेल में जाता है, तो उसे उस दिन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया जाता है। इसके अतिरिक्त हमने एक और परंपरा की शुरूआत की है, विशेष रूप से नक्सल जैसे संवेदनशील मुद्दों पर। हमने एक क्लोज-डोर मीटिंग का आयोजन किया है, जो लगभग 8-10 घंटे चली। यह छोटी विधानसभा में बड़ी परंपरा का हिस्सा बन रही है। हम सब मिलकर इस विधानसभा को जीवित और सक्रिय बनाने का काम करते है।


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