पटना। केंद्र सरकार ने देश में जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है, जिसका क्रेडिट विपक्ष ले रहा है। इस बीच राजधानी पटना में पोस्टर वार शुरू हो गया है। यह पोस्टर आरजेडी के प्रदेश कार्यालय, राबड़ी आवास पर लगाया गया है। यह पोस्ट आरजेडी के कार्यकर्ता द्वारा लगवाया गया है। फैसले पर आरजेडी को […]
पटना। केंद्र सरकार ने देश में जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है, जिसका क्रेडिट विपक्ष ले रहा है। इस बीच राजधानी पटना में पोस्टर वार शुरू हो गया है। यह पोस्टर आरजेडी के प्रदेश कार्यालय, राबड़ी आवास पर लगाया गया है। यह पोस्ट आरजेडी के कार्यकर्ता द्वारा लगवाया गया है।
इसके जरिए यह बताने की कोशिश की जा रही है कि केंद्र का यह फैसला लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और महागठबंधन के नेताओं की जीत है। पोस्टर में सबसे ऊपर लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत कई आरजेडी नेताओं की तस्वीर लगी है। पोस्टर में नीचे लिखा है कि “केंद्र सरकार के द्वारा जातीय जनगणना कराए जाने का फैसला आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के तमाम नेताओं के संघर्षों की जीत है। लालू जी और तेजस्वी यादव जी को इसके लिए हार्दिक बधाई।”
दूसरी ओर पोस्टर के जरिए केंद्र सरकार को चुनौती भी दी जा रही है। पोस्टर पर लिखा है, “अगर केंद्र सरकार की नीयत साफ है तो बिहार में बढ़ी हुई आरक्षण सीमा को संविधान की अनुसूची में शामिल करे।” इस पोस्टर को लगाने वाले आरजेडी के नेता भाई अरुण भाई हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर हम लोगों की जो मांग थी, उसकी जीत हुई है। इस बात को जनता समझ रही है। दूसरी ओर केंद्र सरकार के जातीय गणना कराने के फैसले से बिहार विधानसभा चुनाव में किसका पलड़ा भारी होगा, यह तो आने वाला समय बताएगा।
लेकिन निश्चित तौर पर चुनाव में जातीय जनगणना बड़ा मुद्दा बनेगा। पार्टियां इसका भरपूर फायदा उठाएंगी। इस मुद्दे पर जहां महागठबंधन के नेता क्रेडिट लेने में जुटे हैं, तो वहीं एनडीए के नेता भी इसमें कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नीतीश कुमार के सपनों को साकार करने का काम केंद्र सरकार ने किया है, इस बात से राजनीति होना तय है।