Pashupati Kumar Paras: उलझन में पशुपति कुमार पारस! 1 सप्ताह का मिला अल्टीमेटम, जानें पूरा मामला

लखनऊ: इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार मुश्किल में हैं। भवन निर्माण विभाग ने उन्हें कार्यालय खाली करने के लिए सात दिन का समय दिया है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि अगर सात दिन के अंदर इसे खाली नहीं किया गया तो उनके ऊपर कार्रवाई […]

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Pashupati Kumar Paras: उलझन में पशुपति कुमार पारस! 1 सप्ताह का मिला अल्टीमेटम, जानें पूरा मामला

Shivangi Shandilya

  • October 25, 2024 3:46 am IST, Updated 4 weeks ago

लखनऊ: इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार मुश्किल में हैं। भवन निर्माण विभाग ने उन्हें कार्यालय खाली करने के लिए सात दिन का समय दिया है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि अगर सात दिन के अंदर इसे खाली नहीं किया गया तो उनके ऊपर कार्रवाई की जायेगी।

निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव ने लिखा था पत्र

यह पत्र भवन निर्माण विभाग (बिहार सरकार) के संयुक्त सचिव सह सक्षम प्राधिकार संजय कुमार सिंह द्वारा 22 अक्टूबर 2024 को जारी किया गया है. विभाग की तरफ से लिखा गया है कि कार्यालय 30 जून 2006 को लोक जनशक्ति पार्टी को दिया गया था. 13 जून 2024 को इसका आवंटन कैंसल कर दिया गया. इसे खाली करने के संबंध में 28 सितंबर 2024 को उप सचिव सह भू-संपदा पदाधिकारी ने भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया था.

4 अक्टूबर को दिया गया था नोटिस

संयुक्त सचिव ने 4 अक्टूबर 2024 को कार्यालय खाली करने का नोटिस दिया था. 15 दिनों का समय दिया गया, लेकिन कार्यालय प्रभारी ने कहा कि इस संबंध में एक मामला उच्च न्यायालय में लंबित है. हालांकि, भवन निर्माण विभाग का कहना है कि कोर्ट से कोई स्थगन आदेश नहीं है. इसके बाद भी 21 अक्टूबर तक कार्यालय खाली नहीं की गई।

विभाग के पत्र में क्या लिखा है?

विभाग ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि ‘राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी’ से एक पत्र प्राप्त हुआ है जबकि वह कार्यालय ‘राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी’ को आवंटित नहीं है. यह आवास ‘लोक जनशक्ति पार्टी’ के नाम पर आवंटित है. इस कारण ‘राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी’ का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में उनका आवेदन खारिज कर दिया गया है.

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