Nitish Kumar: सीएम नीतीश की सियासत सत्ता पर कितनी भारी, जानें समीकरण

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पटना। नीतीश कुमार ने सीएम पद का इस्तीफा राज्यपाल को सौपा है जिसके बाद नीतीश कुमार आज बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बता दें नई सरकार में जीतन राम मांझी की पार्टी हम भी शामिल होगी।

नीतीश ने दिया इस्तीफा

बिहार में सियासी उलटफेर की अटकल बाजी सहीं साबित हुईं। नीतीश कुमार ने रविवार सुबह वही किया, जिसका पिछले दिनों से अंदाजा लगाया जा रहा था। रविवार सुबह उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि वे महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर चुके हैं।

नीतीश कुमार ने वर्ष 1994 में पाला बदला

1974 में छात्र राजनीति के जरिए पॉलिटिक्स में एंट्री मारने वाले नीतीश कुमार अब तक 9 बार पाला बदल चुके हैं.बता दें 1994 में नीतीश जनता दल का हिस्सा थे। जनता दल से निकलने के बाद नीतीश ने 1994 में जॉर्ज फर्नांडीस, ललन सिंह के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई और 1995 का विधानसभा चुनाव वामदलों के साथ मिलकर लड़ा।

1996 में दूसरी बार पलटे

इस दौरान जब समता पार्टी को सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने वामदलों के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया और एनडीए के साथ आ गए। इस तरह से 1996 में नीतीश कुमार ने 2बार फिर पलटी मारी। नीतीश कुमार का एनडीए के साथ यह सफर साल 2010 तक चला।

2014 को लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा

नरेंद्र मोदी को पीएम फेस के रूप में आगे बढ़ाया गया तो नीतीश कुमार NDA से अलग हो गए और 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा। इस दौरान नीतीश कुमार को दो सीटों पर जीत मिली थी।

2015 में महागठबंधन के साथ लड़ा चुनाव

नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई। इस दौरान नीतीश कुमार बिहार के सीएम तो तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद तेजस्वी यादव का नाम जब IRCTC घोटाले में आया तो नीतीश कुमार ने चौथी बार पलटी मारते हुए भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली

2020 में रहा था रिजल्ट

2020 विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125, महागठबंधन को 110 और एआईएमआईएम, बसपा व दूसरे दलों को 8 सीटें मिली है। बता दें कि उस समय नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे।

2022 में 5 वीं बार मारी पलटी

2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदला और महागठबंधन के साथ आ गए। यह पांचवीं बार था जब नीतीश कुमार एक पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी में आए।

फिर पलटे नीतीश

बता दे 2022 में महागठबंधन में आने वाले नीतीश का एक-डेढ़ साल के भीतर ही क्यों इससे मोहभंग हो गया है। अब नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में है। बता दे नीतीश कुमार ने नौ बार पाला बदलते हुए एक बार फिर इस्तीफा सौपा है।

तीसरी बार भाजपा के साथ

  • 1996 में नीतीश ने भाजपा से पहली बार गठबंधन किया था। 3 मार्च 2000 को सीएम बने, लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने की वजह से पद छोड़ा और अटलजी की सरकार में केंन्द्रीय रेल मंत्री बने।
  • 1996 से 2013 तक नीतीश भाजपा के साथ रहे। जब नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो वे एनडीए से अलग हो गए। 2015 में महागठबंधन की सरकार में सीएम रहे।
  • दूसरी बार वे 2017 में एनडीए में लौटे और भाजपा की मदद से सरकार बनाई।
  • 2024 में अब वे तीसरी बार भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बनेंगे। 28 साल में तीसरी बार वे भाजपा के साथ हैं।

2024: फिर NDA के साथ आए

बिहार की एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश के लिए दरवाजे बंद होने की बात कही थी। हालांकि, अब BJP ने उन्हें फिर से साथ लेने को तैयार है। बिहार के मौजूदा सियासी समीकरण पर नजर डालें तो 243 सदस्यीय विधानसभा में 79 सीटों के साथ राजद सबसे बड़ा दल है। इसके बाद बीजेपी के 78 विधायक, कांग्रेस के 19, जदयू के 45, सीपीआई (एमएल) के 12, हम के 04, सीपीआई के 02, सीपीआईएम के 02 विधायक हैं। एआईएमआईएम का एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक है।

चार बजे ले सकते है शपथ

मीडिया रिपोर्टस की माने तो नीतीश कुमार आज 4 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते है।