पटना। अयोध्या में रामलला के स्वागत के लिए भव्य तैयारियां हो रही है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। इसे लेकर कई क्षेत्रों के दिग्गजों को न्योता दिया जा रहा है। वहीं सियासत भी खूब हो रही है। विपक्ष इसे बीजेपी का इवेंट बता रहा है। इसी […]
पटना। अयोध्या में रामलला के स्वागत के लिए भव्य तैयारियां हो रही है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। इसे लेकर कई क्षेत्रों के दिग्गजों को न्योता दिया जा रहा है। वहीं सियासत भी खूब हो रही है। विपक्ष इसे बीजेपी का इवेंट बता रहा है। इसी बीच विवादों में रहने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने मंदिरों को शोषण स्थल बताया है। इस बयान से बिहार में सियासी उबाल आ गया है।
भाजपा राजद नेता के बयान को लेकर हमलावर हो गई है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि पता नहीं इन लोगों(विपक्ष) को राम मंदिर से क्या बैर है? इस देश को अशफाक उल्ला खान चाहिए, कैप्टन हमीद चाहिए न कि बाबर और अफजल गुरू। इससे पहले चिराग पासवान ने भी शिक्षा मंत्री की टिप्पणी को लेकर प्रतिक्रिया दी थी।
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर LJP (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि मुझे इस बात का ताज्जुब होता है कि उनकी पार्टी का नेतृत्व और उनके गठबंधन के साथी क्यों इन बातों को बर्दाश्त करते हैं। कहीं न कहीं वे लोगों की भावनाओं को भड़का रहे हैं, उनकी भावनाओं को आहत कर रहे हैं। इनके दल को जवाब देने की ज़रूरत है कि क्या सनातन पर हो रही इस तरह की बयानबाज़ी को वे बर्दाश्त करेंगे?