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Minimum Qualification: प्रशांत किशोर ने न्यूनतम योग्यता का मुद्दा उठाते हुए कहा-10वीं फेल के नेतृत्व में काम नहीं करना चाहते…

पटना। ‘बिहार के युवा 10वीं फेल लोगों के नेतृत्व में काम नहीं करना चाहते हैं। याद रखिए, मैंने 10वीं फेल कहा है, 9वीं फेल नहीं।’ प्रशांत किशोर ने पटना में अपने जन सुराज अभियान के युवा संवाद कार्यक्रम में राजनीति में न्यूनतम योग्यता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को यह तय […]

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Minimum Qualification
  • August 5, 2024 9:00 am IST, Updated 11 months ago

पटना। ‘बिहार के युवा 10वीं फेल लोगों के नेतृत्व में काम नहीं करना चाहते हैं। याद रखिए, मैंने 10वीं फेल कहा है, 9वीं फेल नहीं।’ प्रशांत किशोर ने पटना में अपने जन सुराज अभियान के युवा संवाद कार्यक्रम में राजनीति में न्यूनतम योग्यता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को यह तय करना होगा कि वे 10वीं फेल नेताओं के नेतृत्व में काम करना चाहते हैं या नहीं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों में तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘दसवीं फेल’ कहा है मैने, ‘नौवीं फेल’ नहीं कहा।

जन सुराज-युवाओं का संकल्प और जिद

प्रशांत किशोर पिछले कई महीनों से जन सुराज अभियान चला रहे हैं। उन्हें इस अभियान को चलाते हुए 20 महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है। 2 अक्टूबर को इसे राजनीतिक दल में बदलने की तैयारी है। 4 अगस्त के दिन पटना के बापू सभागार में आयोजित ‘युवा संवाद’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जन सुराज बिहार के युवाओं की जिद और उनका संकल्प है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जो गरीब से गरीब व्यक्ति को समाज और बिहार के लिए कुछ करने का मौका देती है। उन्होंने कहा कि जो लोग समाज और राजनीति में सुधार लाना चाहते हैं, अपने बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाना चाहते हैं, उन्हें पैसे, जाति या चुनाव जीतने की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्हें सिर्फ जन सुराज के साथ जुड़ जाना चाहिए और बाकी जिम्मेदारी प्रशांत किशोर पर छोड़ देनी चाहिए।

न्यूनतम योग्यता पर सहमति नहीं

प्रशांत किशोर ने राजनीति में शैक्षणिक योग्यता को एक मापदंड बनाने की वकालत की। उन्होंने बताया कि पिछली बैठक में 15 हजार लोगों के बीच इस पर सहमति नहीं बन पाई थी। कुछ लोगों ने कहा कि न्यूनतम योग्यता बीए होनी चाहिए, कुछ ने दसवीं कही तो कुछ ने बारहवीं। कुछ लोगों ने शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य नहीं मानने की बात कही।


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