पटना। बिहार के महागठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा यानी हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कुमार को बड़ा झटका देते हुए मंत्रिमडल से इस्तीफा दे दिया है। अटकलें लगाई जा रही है कि मांझी एक बार फिर से बीजेपी के खेमे में जा सकते है।
पलटी मार रहे मांझी
वर्ष 2014 में नीतीश कुमार ने मांझी को जदयू से सीएम बनाया था। लेकिन इसके कुछ महीने बाद मांझी नीतीश के खिलाफ ही खड़े हो गए। वर्ष 2015 में जीतन राम मांझी ने हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) नाम से अपनी पार्टी बनाई। बिहार की सियासत में नीतीश कुमार पलटी कुमार के नाम से प्रसिद्ध है लेकिन जीतन राम मांझी उनसे भी आगे हैं। पिछले 8 साल में मांझी 7 बार इधर से उधर पार्टी बदल चुके हैं।
इस वजह से अलग हुई मांझी-नीतीश की राहें
जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि उनके लिए महागठबंधन में रहना मुश्किल हो रहा था। 2020 के विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर मांझी ने जीत दर्ज की थी, वह राजद का गढ़ रहा है। 2025 के चुनाव में इन सीटों पर राजद अपना दावा ठोक सकती थी, मांझी इन सीटों को लेकर नीतीश से आश्वासन चाह रहे थे, जो उन्हें नहीं मिली। जीतन राम मांझी में सत्ता में भागीदारी की महत्वाकांक्षा अधिक थी। वो अपनी पार्टी से 2 मंत्री पद चाहते थे, जिसे नीतीश कुमार ने स्वीकार नहीं किया।
इतनी बार मांझी ने मारी पलटी:
2014- नीतीश से बगावत करके जदयू छोड़ा
2015 -हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) पार्टी बनाई
2015 – बीजेपी का हाथ थामकर NDA में हुए शामिल
2017- NDA से नाराज होकर UPA में हुए शामिल
2019- नीतीश के आने पर फिर से NDA में शामिल
2022- NDA को छोड़कर महागठबंधन से मिलाया हाथ
2023- महागठबंधन छोड़ने का किया ऐलान