पटना : यूपीएससी में 45 पदों पर लेटरल एंट्री यानी सीधी भर्ती से सरकारी पदों को भरने के लिए निकाली गई वैकेंसी के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने इसे वापस ले लिया है. सरकार ने यूपीएससी को इस विज्ञापन को रद्द करने का निर्देश दिया है. सरकार के इस फैसले पर राजद सांसद मनोज […]
पटना : यूपीएससी में 45 पदों पर लेटरल एंट्री यानी सीधी भर्ती से सरकारी पदों को भरने के लिए निकाली गई वैकेंसी के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने इसे वापस ले लिया है. सरकार ने यूपीएससी को इस विज्ञापन को रद्द करने का निर्देश दिया है. सरकार के इस फैसले पर राजद सांसद मनोज झा ने पोस्ट कर संविधान के साथ खड़े लोगों को बधाई दी है.
मनोज झा ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, “संविधान के पक्ष में खड़े साथियों आप सबों को बधाई।7 अगस्त को लेटरल एंट्री वाला विज्ञापन आया इसके फ़ौरन बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार को आरक्षण के प्रावधानों को दरकिनार करने से आगाह किया और आज दिनांक 20 अगस्त को सरकार को फ़ैसला पलटना पड़ा। जय संविधान”.
17 अगस्त को यूपीएसएससी ने 24 केंद्रीय मंत्रालयों में निदेशक, दंत चिकित्सक और सहायक सहायक जैसे प्रमुख पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस सामान्य भर्ती से आरक्षण का खतरा था. इस विज्ञापन ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया. बीजेपी की सहयोगी एलजेपी ने भी इस निर्णय पर विरोध जताते हुए पुनः विचार करने को कहा था।
विपक्ष का कहना था कि इन भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान नहीं होने से दलित, पिछड़े वर्ग और आदिवासी अपने अधिकारों से वंचित हो जायेंगे. केंद्र सरकार इस भर्ती के जरिए गरीब लोगों को ऊंचे पदों पर पहुंचने से रोकना चाहती है. अब जब सरकार ने यह विज्ञापन वापस ले लिया है तो राजद नेता मनोज झा ने इसे संविधान की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने इसका कड़ा विरोध किया था. इसी वजह से सरकार को इस पर कदम पीछे खींचने पड़े.