पटना। लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में CBI ने राजद प्रमुख लालू यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। वहीं अब इसे लेकर बिहार की सियासत में हलचल पैदा हो गई है। इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि नीतीश कुमार अपना अगला कदम क्या उठाएंगे। दरअसल महाराष्ट्र में हुए सियासी उठापटक के बाद बिहार में भी कुछ अलग देखने को मिला। नीतीश कुमार ने अपने विधायकों और सांसदों से सीक्रेट मीटिंग की।
नीतीश की छवि को नुकसान
ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या नीतीश एक बार फिर से 2017 वाला कदम उठाने वाले हैं। आइये जानते हैं बिहार में हाल में घटित तीन घटनाक्रमों के बारे में। सीबीआई ने राजद प्रमुख लालू यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। नीतीश कुमार ने करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति की जो छवि बना रखी है, उसपर नुकसान का खतरा है।
नीतीश ने की सीक्रेट मीटिंग
3 जुलाई को नीतीश कुमार ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह से मुलाक़ात की। यह मुलाकात डेढ़ घंटे के करीब चली थी। हरिवंश सिंह सीएम नीतीश के बेहद करीबी है और उनकी बीजेपी से भी अच्छी बनती हैं। इस मुलाकात के बाद इस बात की चर्चा फिर से होने लगी है कि क्या नीतीश कुमार फिर से बीजेपी से हाथ मिलाने वाले हैं। हालांकि जदयू की तरफ से इस बात का इंकार किया गया है।
जल्द होगा विलय
इन अटकलों के बीच जमुई सांसद चिराग पासवान ने दावा किया है कि जदयू के कई सांसद और विधायक भाजपा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के संपर्क में है। वहीं बीजेपी से राज्यसभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने जदयू के राजद में विलय की भविष्यवाणी की। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए ललन सिंह ने कहा कि जदयू का अस्तित्व था, अस्तित्व है और आगे भी रहेगा।