पटना: लालू परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. यूं कहें तो मुसिबतों को लालू यादव के घर का रास्ता याद सा हो गया है. तभी तो एक के बाद एक घटना उनका पीछा करती ही जा रही हैं. बता दें कि हाल ही में लालू प्रसाद यादव सिंगापुर से […]
पटना: लालू परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. यूं कहें तो मुसिबतों को लालू यादव के घर का रास्ता याद सा हो गया है. तभी तो एक के बाद एक घटना उनका पीछा करती ही जा रही हैं. बता दें कि हाल ही में लालू प्रसाद यादव सिंगापुर से इलाज के बाद इंडिया लौटे हैं और फिलहाल दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. लालू यादव लौटे ही थे तभी एक पुराने केस ( लैंड फॉर जॉब) मामले में सीबीआई ने नोटिस जारी कर लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से पूछताछ शुरू कर दी.
ऐसे हालात में राजद और लालू यादव यादव के लिए जदयू और नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया सबसे अहम होने वाली है.
साल 2017 में भी नीतीश कुमार ने महागठबंधन से इसी केस को लेकर पाला बदला था. राजद-जदयू में गठबंधन होने के बावजूद उस वक्त नीतीश कुमार इस मुद्दे पर बयान देने से बच रहे थे. इस बार भी नीतीश की चुप्पी के कारण राजद अकेले पड़ी हुई है.
जब साल 2017 में सुशील मोदी लगातार इस मुद्दे पर यादव परिवार को घेर रहे थे, तब इसपर नीतीश कुमार ने उन आरोपों पर यादव परिवार को सफाई देने की सलाह दी थी. लालू परिवार के ऊपर लग रहे इन आरोपों के छीटें नीतीश कुमार के दामन को भी दागदार कर रहे थे. जिस कारण नीतीश कुमार ने महागठबंधन का हाथ छोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया था.