25 अगस्त को जनसुराज की बड़ी महिला बैठक, प्रशांत किशोर ने बनाई ख़ास रणनीति

पटना : 2 अक्टूबर 2024 को आधिकारिक तौर पर जनसुराज एक राजनीतिक पार्टी बन जाएगी. जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं, लेकिन उससे पहले खास तैयारियां जोरों पर हैं. उसी के तहत जनसुराज की तरफ से 25 अगस्त को पटना के बापू सभागार में महिलाओं को लेकर एक बड़ी […]

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25 अगस्त को जनसुराज की बड़ी महिला बैठक, प्रशांत किशोर ने बनाई ख़ास रणनीति

Shivangi Shandilya

  • August 22, 2024 12:07 pm IST, Updated 3 months ago

पटना : 2 अक्टूबर 2024 को आधिकारिक तौर पर जनसुराज एक राजनीतिक पार्टी बन जाएगी. जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं, लेकिन उससे पहले खास तैयारियां जोरों पर हैं. उसी के तहत जनसुराज की तरफ से 25 अगस्त को पटना के बापू सभागार में महिलाओं को लेकर एक बड़ी बैठक का आयोजन किया जा रहा है. बताया गया है कि इसमें 15 से 20 हजार महिलाएं मौजूद रहेंगी. जनसुराज के शुत्रधार प्रशांत किशोर इस बैठक को संबोधित करेंगे और महिलाओं के लिए क्या किया जाना चाहिए, महिलाओं का उत्थान कैसे किया जा सकता है इस पर भी बात करेंगे और महिलाओं के सवालों का जवाब भी देंगे.

प्रशांत किशोर के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़ रही

जनसुराज की महिला प्रवक्ता मनोरमा सिंह ने आज गुरुवार 22 अगस्त को कहा कि प्रशांत किशोर के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़ रही हैं और धीरे-धीरे जनसुराज में महिलाओं की संख्या काफी बढ़ गई है और अभी भी पूरे बिहार में हर दिन अधिक से अधिक महिलाएं जुड़ रही हैं. प्रशांत किशोर महिलाओं की नब्ज समझ रहे हैं. महिलाओं की बुनियादी समस्याओं को समझना। प्रशांत किशोर महिलाओं को लालच नहीं दे रहे हैं, वह उम्मीद जगा रहे हैं कि हम भविष्य में महिलाओं को विशेष भागीदारी देंगे.

सीएम नीतीश ने महिलाओं के लिया क्या किया – मनोरमा

प्रवक्ता मनोरमा ने कहा कि मैं मुंबई में रहती हूं, वहीं पली-बढ़ी हूं लेकिन मेरा घर पटना में है और यूं कहें तो हम पलायन के शिकार हैं. यहां काफी दिक्कतें थीं, इसलिए हमारे माता-पिता को मुंबई शिफ्ट होना पड़ा, लेकिन जब प्रशांत किशोर का अभियान शुरू हुआ और हम भी मुंबई में समाज सेवा से जुड़ गए, तो हमने बिहार आकर कुछ करने की सोची और उनके अभियान से जुड़ गए. प्रवक्ता सुप्रिया ने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि आधी आबादी उनके साथ है, लेकिन पहले बताएं कि उन्होंने महिलाओं के लिए क्या किया है.

शराबबंदी से महिलाएं अधिक परेशान

शराबबंदी से महिलाओं को अधिक परेशानी हुई है. जीविका दीदी की संख्या करीब डेढ़ करोड़ है, जिन्हें वह रसोइया के तौर पर नौकरी पर रखे है. ऐसी सरकार होनी चाहिए जो महिलाओं को पढ़ा-लिखाकर डॉक्टर और इंजीनियर बनाए न कि उन्हें 100 और 200 रुपए की नौकरी करने के लिए प्रेरित करे। फिर नीतीश कुमार महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कैसे काम कर रहे हैं? ऐसे कई सवाल हैं जो प्रशांत किशोर 25 अगस्त की बैठक में उठाएंगे.

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