लोकसभा चुनाव को देखते हुए तेजस्वी यादव ने RJD के बड़े-बड़े नेताओं को दिया ये टास्क, अब गाँव में…

पटना: लोकसभा चुनाव में काफी कम समय बचा है। ऐसे में अब सभी पार्टियों ने 2024 के चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। इस बीच अब तेजस्वी यादव ने आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समकक्ष वाले नेताओं को नई जिम्मेदारी दी है. दरअसल इन नेताओं को पार्टी की विचारधारा को गांव-गांव […]

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लोकसभा चुनाव को देखते हुए तेजस्वी यादव ने RJD के बड़े-बड़े नेताओं को दिया ये टास्क, अब गाँव में…

Jaan Nisar Khan

  • May 22, 2023 9:14 am IST, Updated 1 year ago

पटना: लोकसभा चुनाव में काफी कम समय बचा है। ऐसे में अब सभी पार्टियों ने 2024 के चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। इस बीच अब तेजस्वी यादव ने आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समकक्ष वाले नेताओं को नई जिम्मेदारी दी है. दरअसल इन नेताओं को पार्टी की विचारधारा को गांव-गांव जाकर लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली है। आपको बता दें कि बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं में जोश देखना चाहते हैं, जिसके लिए राज्य के कुल 534 प्रखंड़ों में बड़े-बड़े नेताओं को गाँव जाकर पंचायत स्तर के कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने की ज़िम्मेदारी दी है और इसके साथ आंबेडकर परिचर्चा के माध्यम से सम्मेलन करने का निर्देश भी दिया है.

28 मई तक चलेगा कार्यक्रम

आपको बता दें कि रविवार से ही आरजेडी ने इस कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है जो 28 मई तक चलेगा. तेजस्वी यादव के आदेश के बाद सम्मेलन को सफल बनाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी गया जिला पहुंचे, श्याम रजक समस्तीपुर पहुंचे, तो वहीं आरजेडी प्रदेश उपाध्यक्ष वृषिण पटेल वैशाली पहुंचे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव दरभंगा गए

प्रवक्ताओं को भी मिली ज़िम्मेदारी

आरजेडी अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्टी के सभी नेताओं को एक्टिव कर दिया है बता दें कि आरजेडी की विचारधारा को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए प्रदेश प्रधान महासचिव विधायक रणविजय साहू भी मुंगेर पहुंचे. वहीँ प्रवक्ताओं को भी आरजेडी ने जिम्मेदारी सौंपी है। प्रवक्ता चितरंजन गगन ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी मुख्य वक्ताओं को प्रखंड विशेष की जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं को वैचारिक रूप से संगठित और सक्रिय करना जरूरी हो गया है।

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