पटना। सदन में सांसद मनोज झा द्वारा पढ़ी गई कविता का जमकर विरोध किया जा रहा है। वहीं अब आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी उनके समर्थन में आए हैं। वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी आए समर्थन में सांसद मनोज झा ने सदन में ‘ठाकुरों’ वाली कविता के जरिए जो कहा है फिलहाल तो हर तरफ […]
पटना। सदन में सांसद मनोज झा द्वारा पढ़ी गई कविता का जमकर विरोध किया जा रहा है। वहीं अब आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी उनके समर्थन में आए हैं।
सांसद मनोज झा ने सदन में ‘ठाकुरों’ वाली कविता के जरिए जो कहा है फिलहाल तो हर तरफ उसका विरोध दिखाई दे रहा है। वही आरजेडी इसके समर्थन में उतरी है। बताया जा रहा है कि आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि चेतन आनंद को समझ नहीं है। वह बच्चा है। उन्होंने कहा कि मनोज झा के भाषण को हमने भी सुना है और जिस कविता का पाठ मनोज झा ने किया है हम उसके प्रशंसक हैं। यह मेरे मोबाइल में डाउनलोड भी है। बता दें कि शिवानंद तिवारी ने बुधवार को इस बारे में बातचीत की है।
बता दें कि वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि इस कविता में दर्द है कि हमारा कुछ नहीं है धरती पर, जो कुछ है ठाकुर का है। यह जो ठाकुर है वह प्रतीक है। मनोज झा ने ये भी कहा कि मेरे अंदर भी ठाकुर है, मतलब कि जो सामंती भाव है ऊंची जातियों में चाहे राजपूत हो, भूमिहार हो या ब्राह्मण हो उसके बारे में कह रहे हैं। शिवानंद तिवारी ने कहा कि ओमप्रकाश वाल्मीकि जी ने एक से एक कहानियां लिखी हैं। चेतन बच्चा है। चेतन हमारे लड़के की उम्र से भी कम का है।
वहीं ये सवाल करने पर की आनंद मोहन ने भी मनोज झा के इस बयान का विरोध किया है तो इस पर शिवानंद तिवारी ने जवाब दिया कि हमने उनका बयान नहीं सुना है। हमने उनके लड़के का बयान सुना है। हम यह सोचते हैं कि ठाकुर का मतलब उसने राजपूत को ले लिया है, जबकि ठाकुर का मतलब है वो सामंती मिजाज। इसमें दलितों में भी जो दलित है उसके बारे में कविता के जरिए पीड़ा को बयां किया जा रहा है। उसी संदर्भ में मनोज झा ने बात कही थी। शिवानंद तिवारी ने कहा कि पार्टी के अंदर कोई विवाद नहीं है। मनोज झा ने ठीक बोला है। हम समर्थन करते हैं। कविता और उस कवि के हम प्रशंसक हैं।
बताया जा रहा है कि आरजेडी सांसद मनोज झा महिला आरक्षण बिल पर राज्यसभा में बोल रहे थे। उसी दौरान उन्होंने एससी-एसटी और ओबीसी कैटेगरी की महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग करते हुए सदन में ओमप्रकाश वाल्मीकि जी की कविता पढ़ी थी जिसमें ठाकुरों का जिक्र था। अब उसी पर यह विवाद हो रहा है। बीजेपी के साथ जेडीयू के नेता भी इस बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।