पटना। विपक्षी पार्टियों के ‘इंडिया’ नाम रखने पर जब प्रशांत किशोर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सिर्फ नाम बदलने से कुछ नहीं होगा। पार्टी की ब्रांडिंग है ‘इंडिया’ जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को मुजफ्फरपुर के सरैया में पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान जब विपक्षी पार्टियों के […]
पटना। विपक्षी पार्टियों के ‘इंडिया’ नाम रखने पर जब प्रशांत किशोर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सिर्फ नाम बदलने से कुछ नहीं होगा।
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को मुजफ्फरपुर के सरैया में पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान जब विपक्षी पार्टियों के ‘इंडिया’ नाम रखने पर सवाल किया गया तो प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्षी दलों ने ‘इंडिया’ नाम रखा नहीं है बल्कि विपक्ष वालों ने ‘इंडिया’ नाम रखा है। उन्होंने कहा कि ये तो एबरेविएशन है जो ‘इंडिया’ बन गया। कई लोगों के नजर में ये टैक्टिकल स्मार्ट मूव है। जब आप चुनाव लड़ते हैं तो अपनी ब्रांडिंग और जनता तक बात पहुंचाने के लिए शब्द प्रयोग करते हैं। इसमें इलीगल कुछ नहीं है। एथिक्स और मॉरल को लेकर आपकी अपनी भावना हो सकती है कि ये एथिकली ठीक है या नहीं। उन्होंने जो नाम रखा है वो स्ट्रेटजिकली स्मार्ट मूव है कि अपने आप को ‘इंडिया’ बता देना, अपने एलायंस को ‘इंडिया’ बता देना या बताने की कोशिश करना।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि सिर्फ नामकरण से किसी की हार-जीत नहीं होती है। देश की जनता इससे ज्यादा समझदार है। अगर इंडिया के नैरेटिव में, इंडिया के लीडरशिप में, इंडिया एलायंस के कार्यकलाप में जनता का विश्वास होगा वो मत देंगे, तभी मत मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैं अपना नाम कुछ भी रख दूं तो हमारा परिचय वो नहीं हो जाएगा। वो तो एक बार को आप कह सकते हैं कि मान लीजिए आप अपने पिताजी का नाम बदल लेंगे उससे क्या हो जाएगा। अल्टीमेटली आपका जो क्ररैक्टर है, जो आपका कार्य है, जो आप जनता को कर के दिखाते हैं उससे आपकी पहचान होगी सिर्फ नाम बदलने से कुछ नहीं होगा।