पटना। प्रशांत किशोर ने कहा शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा का बजट 40 हजार करोड़ रुपये का है लेकिन 40 बच्चे भी अच्छे से पढ़कर नहीं निकल पा रहे हैं। प्रशांत किशोर ने उठाए शिक्षा व्यवस्था पर सवाल बिहार में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए शिक्षा […]
पटना। प्रशांत किशोर ने कहा शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा का बजट 40 हजार करोड़ रुपये का है लेकिन 40 बच्चे भी अच्छे से पढ़कर नहीं निकल पा रहे हैं।
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक काफी दिनों से एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। वह शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं। इन सबके बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है।
मुजफ्फरपुर में जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी सरकार का जो प्रयास है, अधिकारी शिक्षकों को स्कूल में बैठा रहे हैं। अगर शिक्षक स्कूल में बैठ भी जाएं तो उन्हें पढ़ाने के लिए आप कैसे मजबूर करेंगे? इस बयान में प्रशांत किशोर किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि गांवों में शिक्षक के रहने की व्यवस्था ही नहीं है। उसके खुद के बच्चे के बीमार पड़ने पर इलाज की व्यवस्था ही नहीं है, तो भला वो वहां रहेगा कैसे? प्रशांत किशोर ने नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य दोनों ही क्षेत्रों में बेहतर यही होगा कि आप भले दो ही स्कूल या अस्पताल खोलें, लेकिन उसे अच्छे से चलाएं।
वहीं शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाने को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि हर प्रखंड में कम से कम 3 से 5 विश्व स्तरीय संस्थान बनाए जाएं। बजाय इसके कि आपने 25, 30, 40 व्यवस्था बनाई हुई है, जहां पर आप केवल खिचड़ी बांट रहे हैं और चोरी करा रहे हैं। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ये पैसा हम खर्च कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बिहार सरकार ये पैसा खर्च नहीं कर रही है। बिहार में शिक्षा का बजट 40 हजार करोड़ रुपये का है और आप स्कूलों की दशा देख लीजिए कि क्या हो रहा है।
बताया जा रहा है कि राजधानी पटना के जयप्रकाश नगर के प्राथमिक विद्यालय का वीडियो बिहार सरकार की पोल खोलते हुए तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि एक क्लास रूम में पांच कक्षाओं के बच्चों को बैठाकर एक ही ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाया जा रहा है। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में हम 40 हजार करोड़ रुपये हर साल शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं लेकिन इससे 40 बच्चे भी अच्छे से पढ़कर नहीं निकल पा रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि इसी बिहार में नेतरहाट, लंगट सिंह कॉलेज, पटना साइंस कॉलेज, पटना कॉलेज के साथ ऐसे दस से भी अधिक इंस्टीट्यूशन थे। इनसे बढ़कर हर प्रखंड में एक से दो विद्यालय ऐसे थे जहां से पढ़कर लोग अपना जीवन बना पाते थे। उन्होंने कहा कि मैंने जो आपको बताया कि समता मूलक शिक्षा नीति बनाने के चक्कर में आपने हर जगह विद्यालय खोल दिए। उसकी गुणवत्ता पर, उसकी सुविधाओं पर, वहां मिलने वाली शिक्षा पर आपने ध्यान नहीं दिया। अगर शिक्षा व्यवस्था सुधारना है तो हम लोगों को हर गांव में विद्यालय बनाने की बजाय बच्चों को विद्यालय तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए।