पटना। गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार के द्वारा दिए गए बयान पर खूब चर्चा हो रही है। वहीं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार के बयान पर उन्हें आड़े हाथों लिया है। सीएम पर बरसे प्रशांत किशोर जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को नीतीश कुमार पर […]
पटना। गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार के द्वारा दिए गए बयान पर खूब चर्चा हो रही है। वहीं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार के बयान पर उन्हें आड़े हाथों लिया है।
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार किस पार्टी के साथ जाएंगे हैं ये खुद नीतीश कुमार भी नहीं बता सकते। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जो राजनीति करते हैं उसमें एक दरवाजा रखते हैं जो पब्लिक को दिखता है अभी वो दरवाजा महागठबंधन है। इस व्यवस्था में आप देख रहे हैं कि वो अभी महागठबंधन के साथ सरकार चला रहे हैं। महागठबंधन को बने एक साल हो गए, लेकिन अब तक उन्होंने नहीं कहा कि लालू यादव, तेजस्वी यादव या फिर उनके परिवार के लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं। सीबीआई और ईडी की टीम रेड कर रही है तो आप बता दीजिए कि उन्होंने भ्रष्टाचार किया है या नहीं?
सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार कभी भी अटल बिहारी बाजपेयी के समाधि स्थल पर तो कभी दीनदयाल उपाध्यक्ष के वार्षिकोत्सव में शामिल हो जाते हैं। यही नहीं कभी प्रधानमंत्री के बुलाए डिनर में हो आते हैं ये तो उनकी राजनीति करने का तरीका है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार खिड़की हैं यानी दरवाजा जो तेजस्वी यादव हैं। वह उन्हें बताते रहते हैं कि तुम्हारे यहां से हवा-पानी नहीं आएगा तो खिड़की से रास्ता निकाल लेंगे। वहीं प्रशांत किशोर ने हरिवंश नारायण सिंह को नीतीश कुमार को उनका रोशनदान भी बता दिया। उन्होंने कहा कि आप जरा समझिए कि जिस राज्यसभा में हर कानून को बनाने के लिए इतनी दिक्कत होती है, वहां बीजेपी का कानून गिर जाए तो वहां कि सरकार गिर जाएगी।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि राज्यसभा में सबको हटाया गया, लेकिन उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को न तो बीजेपी वालों ने हटाया न ही नीतीश कुमार ने हटाया, ऐसा क्यों? जबकि बिहार विधानसभा और विधानपरिषद में अध्यक्ष बदल दिए गए पर राज्यसभा का उपसभापति नहीं बदला गया। ये दिखाता है कि हरिवंश वही रोशनदान हैं जिससे होकर कल नीतीश कुमार को बीजेपी में जाना हो तो, उनके माध्यम से बीजेपी के लीडरशिप से बात करके भाग सकें।