पटना। प्रदेश में रविवार को दिवंगत रामविलास पासवान की तीसरी पुण्यतिथि मनाई गई थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार सहित कई नेता मौजूद थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग भी की गई है। केंद्रीय मंत्री ने नीतीश सरकार के आगे रखी दो […]
पटना। प्रदेश में रविवार को दिवंगत रामविलास पासवान की तीसरी पुण्यतिथि मनाई गई थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार सहित कई नेता मौजूद थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग भी की गई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की रविवार को पटना में तीसरी पुण्यतिथि मनाई गई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सीएम नीतीश कुमार से दो बड़ी मांग कर दी हैं। पशुपती कुमार पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हाजीपुर स्टेशन का नाम रामविलास पासवान और हाजीपुर में रामविलास की मूर्ति बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान सीएम नीतीश कुमार के अच्छे मित्र थे इसीलिए मैं उनसे यह मांग करना चाहता हूं। फिलहाल देखना ये है कि क्या केंद्रीय मंत्री पशुपति की इस मांग को सीएम नीतीश पूरा करते हैं?
दरअसल राजधानी पटना स्थित पार्टी कार्यालय में इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, सांसद प्रिंस राज समेत पार्टी के तमाम कार्यकर्ता मौजूद थे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने केंद्र सरकार से रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग भी की है। केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने भारत सरकार से यह आग्रह किया है कि दिवंगत रामविलास पासवान हमारे देवता थे और हमारे बड़े भाई थे। उन्होंने गरीबों के लिए जो कुछ किया वह कभी भुलाया नहीं जा सकता है। रामविलास पासवान गरीबों की और देश की सेवा लगातार करते रहे थे। निश्चित तौर पर जिस तरह का काम उन्होंने गरीबों के लिए किया उससे प्रेरणा लेकर ही हम लगातार काम कर रहे हैं।
यहीं नहीं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बिहार में हुई जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को लेकर सीएम नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि यह जातीय गणना नहीं, एक सर्वे है और जो आंकड़े पेश किए गए हैं वह पूरी तरह से गलत हैं। केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने साफ कहा कि हमारे पासवान समाज के साथ धोखा किया गया है। वहीं अगर संख्या की बात करें तो यादव के बाद पासवान समाज ही आता है। उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना को राजनीति की भावना से किया गया है, क्योंकि हम लोग अभी एनडीए गठबंधन में है। पशुपति पारस ने इस आंकड़े को लेकर सीएम नीतीश कुमार से दोबारा जांच की मांग की है साथ ही जो भी अधिकारी इसमें संलिप्त हैं, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही।