पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक हफ्ते के अंदर ही राज्य मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक की गई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान आठ प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई है।
आठ प्रस्तावों पर लगाई गई है मुहर
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में रखी गई कैबिनेट की अहम बैठक समाप्त हो गई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कुल आठ प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है। इस दौरान बिहार पुलिस में उच्चतर कार्य प्रभार देने का जो फॉर्मूला चल रहा है, वह राज्याधीन की बाकी सेवाओं में भी लगेगा। बताया जा रहा है कि बिहार सरकार द्वारा राज्याधीन सेवाओं में प्रोन्नती का मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली के समक्ष विचाराधीन रहने की अवधि में कार्यहित और सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित किए जाने वाले अंतिम आदेश के फलाफल के अधीन राज्य सरकार के योग्य कर्मचारियों या पदाधिकारियों को प्रोन्नति के पदों पर अस्थायी व्यवस्था के अन्तर्गत कार्यकारी प्रभार देने का निर्णय लिया गया है।
राज पदाधिकारी के पद को किया गया परिभाषित
इसके अलावा बिहार पंचायत सेवा नियमावली, 2010 के नियम 2, 3, 4 एवं 7 में संशोधन के माध्यम से अपर जिला पंचायत राज पदाधिकारी एवं अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के पद को परिभाषित किया जा रहा है। अपर जिला पंचायत राज पदाधिकारी का पद वेतन स्तर-08 में सृजित करते हुए पूर्व के पद जिला पंचायत राज पदाधिकारी को जिला पंचायत राज पदाधिकारी-सह- प्राचार्य वेतन स्तर-09 में अधिसूचित किया जा रहा है।
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इन पदों के सृजन की स्वीकृति
इस कैबिनेट की बैठक के बाद जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार बिहार के छात्रों को बेहतर चिकित्सा अध्ययन की सुविधा एवं राज्य के रोगियों को विशिष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयोजनार्थ सरकार द्वारा एक सुपरस्पेशलिटी चिकित्सा संस्थान के रूप में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना की स्थापना की गई है। इस संस्थान के अंतर्गत नेत्र चिकित्सा क्षेत्र में टर्शियरी केयर संस्थान के रूप में कार्य करने हेतु वर्ष 1995 में क्षेत्रीय चक्षु संस्थान की स्थापना की गयी, जहाँ आखों की जटिल बीमारियों का इलाज किया जाता है। बताया जा रहा है कि मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुए क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के विस्तारीकरण की परियोजना बनाई गयी है। इस परियोजना की स्वीकृत प्राक्कलित राशि 187.88 करोड़ है। यहीं नहीं इस परियोजना के तहत इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान स्थित क्षेत्रीय चक्षु संस्थान पटना में सुपरस्पेशियलिटी विभाग संस्थान में 12 मॉड्युलर ऑपरेशन थियेटर एवं बेड की क्षमता 154 कि गई है।इसके अलावा संस्थान के पास अपनी रिसर्च विंग एवं 24 घंटा कार्यरत इमरजेंसी होगी। इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद यह संस्थान सम्पूर्ण उत्तर-पूर्व भारत में सरकारी क्षेत्र का सबसे बड़ा चक्षु चिकित्सा संस्थान बन जायेगा। क्षेत्रीय चक्षु संस्थान, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के लिए पूर्व में सृजित विभिन्न प्रकार के 100 पदों के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक मिलाकर कुल 149 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। बता दें कि सृजित किए जाने वाले पद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के अनुरूप हैं। इससे राज्य के छात्रों को बेहतर चिकित्सा अध्ययन की सुविधा एवं राज्य के रोगियों को विशिष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।