NDA या महागठबंधन, जानें किसके समर्थन में हैं प्रशांत किशोर

पटना। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर आने वाले वक्त में खुद की पार्टी बनाएंगे, एनडीए के साथ जाएंगे या फिर महागठबंधन में शामिल होंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। इसे लेकर जनता क्या चाहती है इसका खुलासा खुद प्रशांत किशोर ने किया, जानिए। ज़मीनी नेता को विषय का ज्ञान नहीं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर […]

Advertisement
NDA या महागठबंधन, जानें किसके समर्थन में हैं प्रशांत किशोर

Nidhi Kushwaha

  • September 5, 2023 11:10 am IST, Updated 1 year ago

पटना। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर आने वाले वक्त में खुद की पार्टी बनाएंगे, एनडीए के साथ जाएंगे या फिर महागठबंधन में शामिल होंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। इसे लेकर जनता क्या चाहती है इसका खुलासा खुद प्रशांत किशोर ने किया, जानिए।

ज़मीनी नेता को विषय का ज्ञान नहीं

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हैं। आने वाले समय में खुद की पार्टी बनाकर चुनाव लड़ेंगे या किसी अन्य के साथ ये अभी खुलकर सामने नहीं आ पाया है। लेकिन जनता क्या चाहती है इस बारे में प्रशांत किशोर ने बताई जनता के मन की बात। मुजफ्फरपुर शहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में दिक्कत यही है कि जिसको भाषा का, विषय का ज्ञान नहीं है उसे आप जमीनी नेता बताते हैं। जो नेता शर्ट के ऊपर गंजी पहने वो आपकी समझ से धरातल का नेता है। जिसको बोलने की समझ न हो, जिसको भाषा का ज्ञान न हो, जिसको विषय का ज्ञान न हो उसे आप नेता मानते हैं और बताते हैं कि यही आदमी बिहार में सफल होगा। अगर, कोई पढ़ा-लिखा आदमी सामने आ जाए तो आप लोग ही टीका-टिप्पणी करते हैं कि ये आदमी बिहार में नहीं चलेगा।

बिहार की जनता को चाहिए कुछ नया

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि थोड़ी बहुत राजनीति की समझ हमको भी है, बिहार में जनता मुझे ये नहीं कह रही कि जब तक मैं महागठबंधन या एनडीए में नहीं रहूंगा, तो हम आपके साथ नहीं रहेंगे। बल्कि जनता तो ये कह रही है कि हमें कुछ नया चाहिए। हर घर में लोग कह रहे हैं कि बिहार में कुछ नया होना चाहिए।

बीजेपी ने प्रियंका- राहुल रिश्ते पर खड़े सवाल किए सवाल

बीजेपी ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के रिश्ते पर सवाल खड़े करते हुए एक वीडियो पर साझा किया, जिसमें इनके रिश्ते को आम भाई-बहन के जैसा नहीं बताया है। इस पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी या किसी भी व्यक्ति को इस तरह की टीका-टिप्पणी से बचना चाहिए। क्योंकि कोई परिवारिक भाई-बहन का क्या संबंध है, पति-पत्नी का क्या संबंध है, माता-पिता का क्या संबंध है ये न आप जानते हैं, न हम जानते हैं, न बीजेपी वाले जानते हैं। राजनीति में इस तरह की टीका-टिप्पणी के पक्ष में मैं नहीं हूं, मैं उसके समर्थन में नहीं हूं, मैं समझता हूं कि ये गैर जरूरी है। इसलिए मेरे टिप्पणी करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

Advertisement