पटना। बिहार के पटना विश्वविद्यालय का उद्घाटन 20 मार्च 1926 में किया गया था। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के एतिहासिक ‘व्हीलर सीनेट हाउस’ का नाम बदल दिया गया है। जयप्रकाश नारायण अनुषद भवन पटना विश्वविद्यालय के एतिहासिक ‘व्हीलर सीनेट हाउस’ का नाम अब बदल दिया गया है। बताया जा रहा है कि अब […]
पटना। बिहार के पटना विश्वविद्यालय का उद्घाटन 20 मार्च 1926 में किया गया था। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के एतिहासिक ‘व्हीलर सीनेट हाउस’ का नाम बदल दिया गया है।
पटना विश्वविद्यालय के एतिहासिक ‘व्हीलर सीनेट हाउस’ का नाम अब बदल दिया गया है। बताया जा रहा है कि अब यह समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के नाम पर ‘जयप्रकाश नारायण अनुषद भवन’ रख दिया गया है। बता दें कि पटना विश्वविद्यालय की स्थापना 1 अक्टूबर 1917 में की गई थी। दरअसल रविवार को विश्वविद्यालय के106 वर्ष पूरा होने से कुछ दिन पहले 13 सितंबर 2023 को सीनेट हाउस का नाम बदल दिया गया है।
बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय की 106वां वर्षगांठ के अवसर पर रविवार को सीनेट हॉल में एक समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान विभिन्न विभागों में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। 20 मार्च 1926 को बिहार और ओडिशा प्रांत के तत्कालीन गवर्नर एवं पटना विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सर हेनरी द्वारा व्हीलर सीनेट हाउस का उद्घाटन किया था। बिहार में मुंगेर के तत्कालीन राजा देवकीनंदन प्रसाद सिंह की मदद से इसका निर्माण किया गया था। वहीं अभिलेखीय दस्तावेजों के अनुसार सर हेनरी व्हीलर द्वारा 1925 में इसकी आधारशिला रखी थी। बता दें कि पटना का यह मशहूर स्थान अपने उद्घाटन के बाद से कई एतिहासिक घटनाओं का साक्षी है।
वहीं पटना विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार विश्वविद्यालय की 106वीं वर्षगांठ से कुछ दिन पहले ही सीनेट हाउस में एक नई पट्टिका लगाई गई है। इसमें लिखा हुआ है कि इसका नाम बदलकर जयप्रकाश नारायण के नाम पर रख दिया गया है। यहीं नहीं इस पट्टिका पर विश्वविद्यालय का लोगो (चिन्ह) भी बना हुआ है और इसमें लिखा है हुआ कि ‘पटना विश्वविद्यालय – बिहार के राज्यपाल-सह-कुलाधिपति श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की मंजूरी के बाद, 13 सितंबर, 2023 को व्हीलर सीनेट हाउस का नाम बदलकर जयप्रकाश नारायण अनुषद भवन कर दिया गया है।’
इस बारे में विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि सीनेट हाउस की इमारत का जीर्णोद्धार किया गया है। इसके लिए 2.84 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई थी। इसके साथ ही बिहार के राज्यपाल अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 सितंबर को पुनर्निर्मित हॉल के फिर से खुलने के मौके पर सीनेट हाउस के पास एक पट्टिका का अनावरण किया था। अपने संबोधन के दौरान अर्लेकर ने सीनेट भवन का नाम बदलने का सुझाव दिया था और कहा था कि यह औपनिवेशिक युग का नाम है।