पटना: बिहार के राजनीतिक अखाड़े में एक ओर महागठबंधन तो दूसरी ओर बीजेपी के कैंडिडेट आमने-सामने हैं. विधानपरिषद चुनाव के मद्देनजर आज काफी प्रचार प्रसार देखने को मिला. चुकी आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था. इस लिहाज से तमाम पार्टियों ने अपने-अपने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया. इसी कड़ी में आज श्रम मंत्री […]
पटना: बिहार के राजनीतिक अखाड़े में एक ओर महागठबंधन तो दूसरी ओर बीजेपी के कैंडिडेट आमने-सामने हैं. विधानपरिषद चुनाव के मद्देनजर आज काफी प्रचार प्रसार देखने को मिला. चुकी आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था. इस लिहाज से तमाम पार्टियों ने अपने-अपने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया. इसी कड़ी में आज श्रम मंत्री सुरेंद्र राम आरा में एमएलसी चुनाव के लिए प्रचार प्रसार में पहुंचे थे. मंत्री जी अपने पार्टी के सदस्य का प्रचार करते करते इतना मशगूल हो गए कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब वो महागठबंधन के जगह एनडीए के स्टार प्रचारक हो गए.
दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान मंत्री जी ने महागठबंधन के जगह एनडीए के उम्मीदवार को जिताने की अपील कर डाली. मंत्री सुरेंद्र राम भोजपुर पहुंचे थे. वहां उन्होंने एनडीए के उम्मीदवार को जीताने की बात बोली. मंत्री जी की बातों को सुनकर वहां मौजूद लोगों में खलबली मच गई. हालांकि वक्त रहते मंत्री जी ने माजरे को संभाल लिया और महागठबंधन के उम्मीदवार को जिताने की बात बोली.
31 मार्च को बिहार की पांच विधानपरिषद सीटों पर चुनाव होने हैं. इसको लेकर तमाम पार्टियों ने अपने प्रचार-प्रसार में भी जुट चुकी हैं. 31 मार्च को चुनाव के बाद 5 अप्रैल को इसकी रिजल्ट की घोषणा कर दी जाएगी. चुनाव सुबह 8 बजे से शाम को पांच बजे तक चलेगी. बता दें कि इन पांच सीटों पर कुल 48 उम्मीदवार अपने भाग्य को अजमा रहे हैं. इस विधानपरिषद चुनाव में मुख्य मुकाबले में भाजपा और महागठबंधन के उम्मीदवार रहने वाले हैं.
विधानपरिषद चुनाव के लिए प्रचार प्रसार जोरो पर था, लेकिन अब इसपर लगाम लग चुका है. बता दें कि चुनाव से 48 घंटे पहले प्रशासन प्रत्याशियों को प्रचार प्रसार करने से रोक देती है. बता दें कि 31 मार्च को विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में आज 29 मार्च को ही चुनाव के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दिया गया है.
बता दें कि महागठबंधन की ओर से एक प्रेस कॉन्फेंस की गई थी, जिसमें इन नामों का ऐलान किया गया है. इन उम्मीदवारो में दो शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के, दो स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के वहीं एक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र उपचुनाव के लिए नामों की घोषणाएं की गई हैं. प्रेस कॉन्फेंस के दौरान जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के साथ-साथ राजद के भोला यादव और सीपीआई के केडी यादव भी शामिल रहे.
सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से महागठबंधन समर्थित जेडीयू उम्मीदवार वीरेंद्र नारायण यादव को बनाया गया है.
गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से महागठबंधन समर्थित आरजेडी उम्मीदवार पुनीत कुमार सिंह को बनाया गया है.
गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार संजीव श्याम सिंह को बनाया गया है.
कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से महागठबंधन समर्थित जेडीयू उम्मीदवार डॉ. संजीव कुमार सिंह को बनाया गया है.
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में केदारनाथ पांडे के निधन के कारण हो रहे उपचुनाव में उनके पुत्र आनंद पुष्कर को सीपीआई से उम्मीदवार बनाया गया है.
बिहार विधानपरिषद के खाली सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. पार्टी द्वारा कुल चार सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से इन नामों की घोषणा की गई है, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य बात यह है कि पार्टी द्वारा फिलहाल सिर्फ 4 सीटों पर ही उम्मीद्वारों की घोषणा की गई है अभी भी गया शिक्षक पद पर उम्मीदवार का घोषणा करना बाकी है.
भाजपा ने अपने चार प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है. भाजपा ने रंजन कुमार धमेंद्र सिंह, डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह, अवधेश नारायण सिंह को उम्मीदवार बनाया है जो क्रमशः , कोशी शिक्षा क्षेत्र, सारण स्नातक क्षेत्र, गया स्नातक क्षेत्र एवं सारण शिक्षक क्षेत्र से उम्मीदवार होंगे.
बता दें कि राज्य की पांच विधानपरिषद सीटों के लिए 31 मार्च को मतदान होना है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि सारण विधानपरिषद सीट को छोड़कर बाकी के सभी सदस्यों का कार्यकाल मई 2023 में खत्म हो जाएगा. सारण क्षेत्र से जीतने वाले कैंडिडेट का कार्यकाल 2026 तक रहेगा. बता दें कि 31 मार्च को जिन 5 विधानपरिषद की सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें से केवल गया की सीट पर ही भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. इसके अलावा अन्य सभी सीटों पर महागठबंधन के एमएलसी हैं.